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(रिपोर्ट हरेराम दुबे के साथ सहयोगी दिलीप सिंह)
DHANBAD:बलियापुर:जिले के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक छाता ताड़ के परसबनिया पंचायत के शिवाधाम जहां चैत महीने के अंतिम दिन में चड़क पूजा पूरे आस्था, विश्वास और भक्ति के साथ मनाया जाता हैं ये पर्व भगवान शिव को समर्पित है।
इतना ही नहीं बलियापुर प्रखंड के सिंदुरपुर बाघमारा दुधिया के अलावे भक्त कठिन ब्रत करके और शरीर में कील चुभोकर चरखी में झूलते हैं। वहीं महिला भी की किसी मायने में कम नहीं हैं सुख,शांति, समृद्धि के लिए पार्वती थान पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं कहा जाता हैं ये पर्व पारसबनिया धाम मंदिर में 250 वर्ष पहले से मनाया जाता रहा है।
आस पास के गांव के लोग इस पर्व को करते हैं । तीन दिन तक चलने वाले इस पर्व में आपको पूर्वजों की बनाई परंपरा और प्रकृति प्रेम देखने को मिलेगा।
लोग मन्नत पूरी होने पर शरीर में कील चुभोकर है,मांदर की थाप पर नाचते हैं। इस मेले का आनंद लेने के लिए जिले के कोने कोने से लोग आते हैं।