27 July 2024

NEWSTODAYJ : झारखंड राज्य के धनबाद कोयला नगरी जिसे ब्लैक डायमंड व धन वाले जिला “धनबाद” कहलाते है।इस जिले में कोयला चोरी की प्रक्रिया हर किसी की सरकार में जारी रहती है।जैसे दुमका व कोडरमा तथा अन्य जिले में बालू,पत्थर,लकड़ी,मिट्टी,की तस्करी जारी रहती है।ठीक इसी तरह धनबाद व बोकारो अन्य जिले में अवैध कोयले की खेल वर्षो से जारी है।इस अवैध कारोबार से हमारा व आम जनता का नुकसान नहीं है।पर केंद्र सरकार की राजस्व का क्षति वर्षो से होता आ रहा है।पर वर्ष 2023 का कोयला चोरी का अपराध हर रोज सुनने व देखने तथा कानूनी प्रकिया न्ययालय में लंबित तो कुछ थाने में दर्ज तो कहीं छापेमारी ये सभी वाक्य 100% प्रतिशत सत्य है।बीते दिनों अपने ये जरूर ही सुने होंगे तथा कंपनी द्वारा मृत परिजनों को नगदी 2 लाख की मुवाबजा और 2 लोगो को नियोजन देने की बातें पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया था।दरसअल अवैध खनन के दौरन एक महिला मलबे में दबकर उक्त महिला की मृत्यु हो गई थी।तो यह वाक्य अवैध करो या मरो पर पुलिस व CISF का छपेमारी जारी है।पुलिस व CISF भी हर रोज छापेमारी करती है।पर कोई बेकल्पिक समाधान नहीं निकल पाती जिससे कोयला चोरी बिल्कुल रूप से रुक जाए।अगर बात करें तो धनबाद की बॉर्डर से अवैध कोयला कैसे निकल जाती है।आखिर इसमें किया झोल होती है।क्योंकि पुलिस हर दिन कोयला छपेमारी करती है।बाउजूद कोयला चोरी थम नहीं रही है।अगर कोल कंपनियों का उत्पादन क्षमता देखी जाए तो बहुत अच्छी रहती है।लेकिन जब से ओपन कोल उत्पादन में आउटसोर्सिंग कंपनियां आयी हैं तब से कोयला चोरी की अपराध ग्रफ बढ़ गई है।हलाकि इसके लिए केंद्र सरकार ने सरकारी राजस्व सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ जवान की तैनाती भी की हुई है।पर अवैध कारोबार करने वाले भी अपनी चतुराई दिमाग से कोयला चोरी कर ही लेता है।पुलिस व सीआईएसएफ जवान अगर चाह ले तो बिल्कुल रूप कोयला चोरी थम जाएंगी।जिस तरह बॉर्डर पर देश के जवान तैनात रहते है ठीक उसी तरह ड्यूटी करने की आवश्यकता आन पड़ी हैं।अगर पुलिस व सीआईएसएफ जवान ड्यूटी भी कर रहे है और फिर भी कोयला चोरी हो रही है तो केन्द्र सरकार को इस पर कोई न कोई निर्णय लेनी चाहिए।और कानूनी कार्यवाही के लिए कड़ी कानून बनानी होगी।क्योंकि हर रोज कोयला चोरी होती है।अवैध खनन में जाने चली जाती है।इसमें राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार को क्षति हो रही है।अगर राज्य सरकार भी अपनी ओर से प्रयास करें तो कोयला चोरी रुक सकती है।पर इसके लिए राज्य सरकार को गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है।क्योंकि राज्य में केंद्र से जुड़ी राजस्व की क्षति पहुँचती है तो इससे राज्य को भी घटा हो सकती है।क्योंकि राजस्व से ही कई तरह की सरकारी सुबिधा से आम लोग वंचित होने लगेंगे।आखिर कोयला मंत्रालय इस पर कब रोक लगाती हैं या देखने वाली बात होगी।पर अभी तो कोयला चोरी धनबाद में जारी है।ये हम नही अखबार के वो हर पन्ने में छापी रहती है।राजस्व कांड यानी सरकारी संपत्ति की क्षति के दौरन हादसा,एफआईआर,हत्या,कोयला चोरी,तस्करी,राजनीति,भ्र्ष्टाचार,वर्चस्व, ये सभी राजस्व कांड में लागू है।

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