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Desk, Ranchi
JHARKHAND:झारखंड के कुछ जिलों में बीते दिनों एसपी बदले गये हैं। लेकिन राज्य के कई ऐसे जिले हैं, जहां पांच से आठ माह के अंदर ही एसपी का तबादला कर दिया गया। इनमें बोकारो, गुमला और देवघर शामिल है।
इन तीनों जिलों में एसपी का कार्यकाल पांच से सात महीने तक रहा। हालांकि देवघर में सुभाष चंद्र जाट के बाद से जल्द एसपी के बदलने का सिलसिला रूका है।
राज्य के कुछ बड़े जिलों को छोड़कर
ज्यादातर जिलों में एसपी एक साल से लेकर डेढ़ साल तक ही रह पाते हैं। इनका तबादला जनहित के नाम कर दिया जाता है।
भले ही उस जिले में पदस्थापित एसपी बेहतर काम कर रहा हो। लेकिन उनका तबादला कर दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एक जिले या एक पोस्ट पर कम से कम दो साल की तैनाती दी जाये, जब तक कोई गंभीर आरोप या भ्रष्टाचार की शिकायत न हो।
बोकारो एसपी को सिर्फ इसलिए बदल दिया गया कि उनका सत्ताधारी दल के विधायक से 36 का संबंध चल रहा था। विधायक का कहना था कि बेरमो इलाके में कोयला चोरी हो पर उस लूट में कुछ भी डिस्ट्रीब्यूट नहीं होगा। यह एसपी आलोक को कतई मंजूर नहीं था। विधायक ने ठान लिया था कि हटाकर ही दम लेंगे सो मिशन पूरा कर ही दम लिया।
इस राज्य का भगवान ही मालिक है जहां डीएसपी से प्रोन्नत आईपीएस सीधे आईपीएस पर भारी पड़ रहे हैं। आधे जिले उन्हीं के लिए आरक्षित हैं।