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NEWSTODAYJ : धनबाद /आसनसोल के बराकर नदी में रविवार को छठ पर्व के संध्या अर्घ्य के पहले बराकर नदी में डूबकर अंकित की मौत पर उसके घरवालों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।अंकित की मौत पर परिजनों ने पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।परिजनों ने कहा पुलिस की लापरवाही से अंकित का मौत हुआ है।परिजनों ने बताया है कि अंकित को जब पानी से बाहर निकाला गया था तो उसकी सांसें चल रही थीं। पुलिस ने अंकित को अस्पताल ले जाने के बजाय थाने ले गई। वहां से काफी देर बाद अंकित को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।इधर बीसीए की छात्रा बहन निधि ने यह भी कहा कि मेरे भाई को किसी प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया जाता, तो मेरे भाई की जान बच सकती थी। बिना पोस्टमार्टम के शव को क्यों सौंपा गया पुलिस की पूरी लापरवाही तब उजागर हुई जब भाई का बिना पोस्टमार्टम के शव को परिजनों को सौंप दिया गया। बिना पोस्टमार्टम के किसी भी प्रकार का सरकारी दावा करने में नाना प्रकार की परेशानी हो सकती है।जिस समय घटना घटी पूरा परिवार बदहोशी के हालात में था। उस समय किसी का दिमाग काम नहीं कर रहा था कि कैसे क्या करना है, लेकिन पुलिस तो सचेत थी। क्यों न लापरवाह पुलिस पर कार्रवाई हो। मेरा तो जवान भाई चला गया, कहां से वह अब वापस आएगा, बताए पुलिस। हमलोगों के पास दो मोबाइल फोन था तथा एक साइकिल थी। उसका भी पता नहीं है। सब इतने बदहोश हो गए थे कि किसी सामान की परवाह भी नहीं थी किसी को।मालूम हो कि 19 नवंबर को अंकित बराकर नदी में डूब गया था।जिसके बाद पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई थी।