27 July 2024

NEWSTODAYJ : BSF Foundation day 2023 केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज शुक्रवार 1 दिसंबर को झारखंड के हज़ारीबाग में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 59वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। अमित शाह ने सीमा सुरक्षा बल की वार्षिक पत्रिका ‘बॉर्डरमैन’ का भी विमोचन किया। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि जीवनपर्यन्त कर्तव्य बीएसएफ का सिर्फ घोषवाक्य नहीं है बल्कि आज तक 1900 से अधिक सीमा प्रहरियों ने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देकर इस वाक्य को चरितार्थ भी किया है। उन्होंने कहा कि लाखों सीमा प्रहरियों ने अपने जीवन का स्वर्णिम काल कठिनतम परिस्थितियों में परिवार से दूर रहकर बिताया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति के रूप में बीएसएफ ने जिस तरह से देश की दुर्गम सीमाओं की सुरक्षा की है, उससे पूरा देश सीमा सुरक्षा बल के इन वीर जवानों पर गर्व करता है।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, एक सीमा पर एक ही सुरक्षा बल की तैनाती। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के तहत पाकिस्तान और बांग्लादेश की सबसे दुर्गम सीमाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल को मिली, जिसे बीएसएफ ने बखूबी निभाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाके, पूर्वोत्तर के पहाड़, गुजरात और राजस्थान के रेगिस्तान हों, गुजरात का दलदली इलाका हो या फिर सुंदरवन और झारखंड के घने जंगल हों, बीएसएफ ने हमेशा मुस्तैद रहते हुए दुश्मन के नापाक इरादों को विफल किया है। सीमा सुरक्षा बल ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेवा और वीरता के नए मानांक स्थापित किए हैं। अमित शाह ने कहा कि जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं होतीं, वो देश कभी विकसित और समृद्ध नहीं हो सकता।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं है जब देश वामपंथी उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त हो जाएगा और इस दिशा में विगत 10 सालों में मोदी सरकार ने सातत्‍यपूर्ण प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत, मृत्यु की घटनाओं में 70% की कमी आई है और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिले 96 से घटकर 45 रह गए हैं। श्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद अब सिमटता जा रहा है और अब इस पर एक नए हौंसले और जोश के साथ अंतिम प्रहार करने के लिए सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी तैयार है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आने वाले दिनों में देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में सुरक्षा वैक्यूम को भरने के लिए 2019 से लेकर अब तक 199 नए शिविर खोले गए हैं। श्री शाह ने कहा कि नए कैंप लगाने और गश्‍त बढ़ने से वामपंथी उग्रवादियों के सभी संसाधनों पर नियंत्रण पाया जा सका है और इसी का परिणाम है कि बूढ़ा पहाड़ और चकरबंदा जैसे दुर्गम क्षेत्रों को आज पूरी तरह से वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने में हमें सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि कोल्हान और झारखंड के कुछ क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभी अंतिम लड़ाई जारी है और यह लड़ाई भी हम ज़रूर जीतेंगे।अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी CAPFs के साथ मिलकर 40 लाख से ज्यादा आयुष्मान सीएपीएफ कार्ड देशभर में बांटे गए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 13000 जवानों को घर देने का काम भी मोदी जी ने किया है, 113 नए बैरक बनाए हैं और जल्द ही 11000 और मकान जवानों को दे दिए जाएंगे और 108 बैरक भी बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक पिछले 5 सालों में लगभग 24000 से ज्यादा जवानों को मकान देने का काम हो जाएगा। इसके अलावा सीएपीएफ ई-आवास पोर्टल से 70 हज़ार से ज्यादा जवानों को खाली पड़े मकान अलॉट कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हवाई कोरियर सेवाएं, Ex-Gratia में समानता लाने और केंद्रीय अनुग्रह राशि में बढ़ोतरी करने जैसे कई काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किए हैं। अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के 10 सालों के शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र और पूर्वोत्तर के तीनों हॉटस्पॉट में हमने लड़ाई जीतने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में आतंकवाद पर सुरक्षाबलों का संपूर्ण वर्चस्व स्थापित हुआ है, नॉर्थईस्ट में भी हिंसा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई को हम जीतने की कगार पर खड़े हैं और इन सभी मोर्चों पर लड़ाई में बीएसएफ के जवानों का बहुत बड़ा योगदान है।

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