Ramzan news:जकात इस्लाम का बुनियादी रुकन है – हाजी गुलाम मोहिउद्दीन अशरफी…
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जकात इस्लाम का बुनियादी रुकन है – हाजी गुलाम मोहिउद्दीन अशरफी…
धनबाद:इस्लाम की बुनियाद पांच बातों पर है, वो ये की इस बात की गवाही देना की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम अल्लाह के रसूल है, नमाज कायम करना, जकात अदा करना, हज करना, और रमजान के रोजे रखना। जकात की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है
कि कुरआन ए करीम में नमाज और जकात का एक साथ 32 मर्तबा जिक्र आया है। जकात की अदायगी एक मुसलमान को ये याद दिलाती है कि जो दौलत वह कमाता है वह हकीकत में उसकी मिल्कियत नहीं बल्कि अल्लाह पाक की दी हुई अमानत है। यह एहसास उसे मआस ए राह रवि से बचाता है।
नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इरशाद के मुताबिक मआस मामलात दिन का एक हिस्सा है। जकात हर मालिक ए निशाब पर फर्ज है।
मालिक ए निसाब होने के लिए साढ़े बावन तोला चांदी या साढ़े सात तोला सोना या उनके मुकाबिल रकम या माल तिजारत हर साल गुजर जाने पर 2.5٪निकालना फर्ज है। जकात का बुनियादी मकसद है गुरबा की जरूरतों को पूरी करना लेकिन जकात खर्च करने के सिलसिले में अल्लाह ताला ने जकात अदा करने वालों को यह
अख्तियार नहीं दिया कि वह जिस पर चाहे उस रकम को खर्च कर दे बल्कि खुद जकात के मसारिफ मतइन फरमाया है जैसा कि सूरह तौबा में जिक्र है। जकात के मुस्तहक मिस्कीन, गरीब, जकात वसूल करने वाले, कैदी, कर्जदार, मुजाहिद और मुसाफिर है। जकात एक अजीम इबादत है और इस इबादत को एहतमाम के साथ अंजाम देना चाहिए और पुरी तहकीक के बाद जरूरतमंदों तक इसे पहुंचाना चाहिए।