
सरकारी शराब दुकानों में ली जा रही मनमानी कीमत
शराब दुकान में ना हीं रेट चार्ट लगा हुआ है और विभाग द्वारा मुहैया कराया हुआ नेम बोर्ड भी है गायब
रामगढ़ जिला के चितरपुर प्रखंड सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी शराब दुकानों में शराब के लिए मनमाना पैसा वसूला जा रहा है। क्वार्टर से लेकर फूल तक की शराब में 10 से 100 रुपये तक ग्राहकों से ज्यादा लिया जा रहा है। जानकारों का आरोप है कि धड़ल्ले से एमआरपी मूल्य से अगर अधिक दामों पर शराब विक्रेता अगर शराब बेचते हैं तो कहीं ना कहीं विभाग की मिलीभगत से रामगढ़ जिला क्षेत्रों में यह कारोबार फल-फूल रहा है अगर विभाग की मिलीभगत ना होती तो वैसे शराब दुकानदारों के ऊपर कानूनी कार्रवाई करणा चाहीए ताकि वह भविष्य में कभी एमआरपी मूल्य से अधिक में शराब ना बेचे। सभी शराब दुकान में प्रतिदिन दो लाख रुपये से ज्यादा की अवैध वसूली हो रही है और इसी वजह से ग्राहक अधिक पैसा देने पर मजबूर हो जाते हैं। इस हिसाब से अनुमानित महीना में 60 लाख तक की अवैध वसूली हो रही है। वहीं मंगलवार को चितरपुर प्रखंड स्थित चितरपुर रेलवे ओवर ब्रिज के निकट फोर-लेन के बगल में स्थित वाइन शॉप में मनमाने तरीके से शराब बेचा जा रहा है वही सूत्रो कि माने तो वाइन शॉप के कर्मचारी फुटपाथ के होटलों में शराब की प्रति पेटी 500 रूपया अधिक लेकर दिया जाता है। सरकारी शराब दुकान के बाहर प्रिंट रेट का नोटिस तक नहीं लगाया गया है। और ना ही किसी प्रकार का कोई विभाग द्वारा नेम बोर्ड लगाया गया है जिसमें उस वाइन शॉप का रजिस्ट्रेशन संख्या दर्ज हो। एमआरपी मूल्य से अधिक रुपए लेने के बाद शराब विक्रेता से पत्रकार द्वारा पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि 5 माह से पेमेंट नहीं मिला है प्रिंट रेट से अधिक पैसा शराब का नहीं ले तो क्या करें और उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा दिया गया रेफ्रिजरेटर खराब हो चुका है इसलिए दूसरा रेफ्रिजरेटर में बीयर ठंडा करके दे रहे हैं इसलिए अधिक पैसा ले रहे हैं। रोजाना शराब दुकान में रेट को लेकर ग्राहकों और सेल्समैन के बीच तू-तू-मैं-मैं होते रहता है। यहां तक की मारपीट की भी नौबत बन जाती है।कई बार ग्राहकों को शराब के साथ धमकी भी दी जाती है कि अगर आपको अधिक रेट में शराब लेनी है तो ले अन्यथा आप कहीं और चले जाएं शराब लेने के लिए इससे कम दाम में कहीं भी आपको शराब नहीं मिलेगी इतना होने के बावजूद विभाग मामले पर चुप्पी साधे तो इससे यही प्रतीत होगा कि जानकारों का मानना सही होगा कि विभाग की ही मिलीभगत हो सकती है। बताते चलें कि रामगढ़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध शराब बंदी को लेकर उत्पाद विभाग ने ताबड़तोड़ छापेमारी करती रहती है। दर्जनों लोगों को जेल भी भेजा गया है। विभाग के कड़े रवैये ने सरकार की इमेज बढ़ी। लेकिन सरकारी शराब दुकानों से अवैध वसूली में मिलीभगत का आरोप के कारण विभाग की काफी किरकिरी हो रही है। आसपास के लोग बताते हैं कि हमलोगों से प्रिंट रेट से ज्यादा पैसा लिया जाता है और रसीद भी नहीं दी जाती है।