
NEWSTODAYJ_हैदराबाद: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस भी है, हालांकि इसकी जानकारी बहुत कम लोगों का है. भारत समेत 80 से अधिक अन्य देशों में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है. यह दिवस खासकर पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है. इस दिवस को हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता दी है.
अंतररष्ट्रीय पुरुष दिवस का मुख्य उद्देश्य पुरुषों को दुनिया में लाने के लिए सकारात्मक मूल्य दिखाना है, जो पुरुष पहचान के व्यावहारिक पक्ष को प्रोत्साहित करता है और इसके साथ ही उन सामाजिक मुद्दों को उजागर करता है जो पुरुषों और लड़कों का सामना करते हैं.
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अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास
- अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्घाटन 1992 में थॉमस ओस्टर ने किया था. वैसे इसकी कल्पना एक साल पहले ही की गई थी. 1999 में त्रिनिदाद एंड टोबेगो में पहली बार 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया और इसका सारा श्रेय डॉ. जीरोम तिलकसिंह को जाता है.
- डॉ. तिलक सिंह ने 19 नवंबर को अपने पिता के जन्मदिन वाले दिन को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत करने का फैसला किया. बता दें, एक दशक पहले इसी तारीख को (1989) में त्रिनिदाद और टोबैगो की फुटबॉल टीम ने फुटबॉल विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया था.
- डॉ. तिलकसिंह ने दुनिया भर में पुरुषों और लड़कों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चिंतन करने के लिए एक दिन के रूप में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस को बढ़ावा दिया. हर साल 19 नवंबर को पड़ने वाला यह दिन बड़ा खास है, इस दिन पुरुषों की सेहत और पैसे जुटाने के लिए पुरुष शेविंग करने से बचते हैं और अपनी मूंछें और दाढ़ी बढ़ाते हैं.
भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस
- 2007 में पहली बार भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया. तब से हर साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है. यह दिन दुनिया भर के पुरुषों के लिए समर्पित है. पुरुषों को विशेष महत्व देने के लिए इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
- यह भारत में उतना लोकप्रिय नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे इस दिन को मनाने का जोर पकड़ने लगा है. निजी संगठन, एनजीओ और सिविल सोसाइटी लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे पुरुषों के अधिकारों के लिए आवाज उठाएं.