HEALTH AND FITNESS: गर्मी में फ्रिज के ठंडे पानी से करें परहेज ,हो सकती है गंभीर समस्या
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NEWSTODAYJ_HEALTH AND FITNESS:गर्मी के मौसम ने इस समय अधिकांश स्थानों पर लोगों का हाल बेहाल किया हुआ है. वैसे तो इस मौसम में चिकित्सक और जानकार ज्यादा मात्रा में पानी तथा तरल पेय पदार्थ पीने की सलाह देते हैं जिससे शरीर में पानी की कमी ना हो. लेकिन यदि पानी व पेय पदार्थों का तापमान बहुत ज्यादा ठंडा हो तो वह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है. बड़ी संख्या में लोग इस मौसम में गर्मी को दूर भागने के लिए ज्यादा बर्फ वाले या चिल्ड पानी तथा अन्य पेय पदार्थों का सेवन करने लगते हैं. जिससे कुछ क्षणों के लिए तो गर्मी में आराम मिलता है लेकिन इसके शरीर पर नुकसानदायक प्रभाव पड़ते हैं.
आयुर्वेद हो या चिकित्सा की कोई भी शाखा, सभी में फ्रिज वाले बेहद ठंडे पानी से दूरी बनाए रखने की बात कही जाती है . चिल्ड पानी के सेवन से शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में जानने के लिए अलग-अलग चिकित्सा विधाओं के विशेषज्ञों से जानकारी ली.
क्या कहता है आयुर्वेद
मुंबई की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ मनीषा काले बताती हैं कि आयुर्वेद की मान्यता है कि बर्फ वाला ज्यादा ठंडा पानी पीने से शरीर में पाचन क्रिया के लिए जरूरी अग्नि कम होती है. ऐसा होने पर सही तरह से पाचन होने में समस्या होने लगती है तथा शरीर को खाना पचाने के लिए अधिक महनत करनी पड़ती है.
जब भोजन का पाचन सही तरह से नही होता है तो भोजन के पोषक तत्व शरीर द्वारा सही तरह से अवशोषित नहीं हो पाते हैं. जिससे शरीर के पोषण में तो कमी आती ही है साथ ही कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्या भी होने लगती हैं. वैसे भी आयुर्वेद में भी माना जाता है कि शरीर की ज्यादातर बीमारियों के लिए कब्ज ही जिम्मेदार होता है.
इसके अलावा ज्यादा ठंडा पानी पीने से रक्तसंचार प्रक्रिया की गति में भी कमी आ सकती है. क्योंकि ठंडा पानी पीने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं. वहीं इससे शरीर की ऊर्जा में भी कमी आती है. इसीलिए आयुर्वेद में हमेशा गुनगुना पानी पीने की सलाह दी जाती है।एलोपैथी की राय में भी फ्रिज वाले चिल्ड पानी से परहेज जरूरी
शरीर के तापमान में बदलाव
दिल्ली के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि, गर्मियों के मौसम में हमारे शरीर का तापमान ज्यादातर 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है. जो वातावरणीय तापमान के अनुसार बढ़ता और घटता रह सकता है. ऐसे में जब हम तीव्र गर्मी से आकर तत्काल फ्रिज वाला चिल्ड पानी पीते हैं तो हमारे शरीर के सभी तंत्र शरीर के तापमान में बदलाव पर प्रतिक्रिया देने लेगते हैं.
ऐसे में कई बार पाचन के लिए जरूरी एन्जाइम्स के निर्माण पर असर पड़ सकता है, नसों, रक्तवाहिकाओं या धमनियों पर तथा उनके कार्य पर असर पड़ सकता है तथा उनसे संबंधित अंगों विशेषकर ह्रदय के कार्य भी प्रभावित हो सकते हैं. इसके अलावा कई बार लोगों में गले में खराश, कफ, गर्मियों वाले सर्दी जुखाम जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं.
वहीं कई लोगों में सिरदर्द जैसी समस्याएं भी नजर आ सकती है.विशेषज्ञों तथा इस संबंध में जारी रिपोर्टों के अनुसार फ्रिज का चिल्ड पानी पीने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं , जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
गार्डियन डॉट एनजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादा ठंडा पानी पीने से हृदय गति कम हो जाती है. साथ ही इससे वेगस तंत्रिका उत्तेजित हो जाती है जो शरीर की स्वायत्त तांत्रिक प्रणाली का एक हिस्सा होती है और शरीर के अनैच्छिक कार्यों तथा समस्याओं को नियंत्रित करती है.
हृदयगति है सकती है धीमी
वेगस तंत्रिका पानी के कम तापमान से सीधे प्रभावित होती है, इसलिए ज्यादा ठंडा पानी पीने जब यह तांत्रिका उत्तेजित हो जाती है तो शरीर के कई अंगों विशेषकर ह्रदय को प्रभावित करती है. जिससे हृदयगति धीमी हो सकती है तथा उससे संबंधित कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
फ्रिज का चिल्ड पानी लगातार पीने से पाचन तंत्र में एन्जाइम्स के निर्माण तथा पाचन क्रिया पर असर पड़ता है.जिससे पाचन में समस्या होने लगती है .चिल्ड पानी पीने से श्वसन तंत्र में ज्यादा म्यूकस का निर्माण शुरू हो सकता है. साथ ही व्यक्ति का शरीर विभिन्न संक्रमणों के लिए ज्यादा संवेदनशील हो सकता है.
ब्रेन फ्रीज की समस्या
बहुत ज्यादा ठंडा पानी या बर्फ वाला पानी पीने से कई बार ब्रेन फ्रीज की समस्या हो सकती है. दरअसल ज्यादा चिल्ड पानी हमारी रीढ़ की कई संवेदनशील नसों को ठंडा कर देता है जिससे मस्तिष्क भी प्रभावित होता है. जिससे ब्रेनफ्रीज़ तथा सिरदर्द जैसी समस्या हो सकती है , साथ ही ऐसे लोग जिन्हे साइनस की समस्या है, उनके लिए भी मुसीबत ज्यादा बढ़ सकती है.