Dhanbad News : नीरज सिंह हत्याकांड में नहीं हुआ आरोपियों का बयान दर्ज, अभियुक्तों ने आवेदन कर माँगा समय
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NEWSTODAYJ : धनबाद जिले में नीरज सिंह हत्याकांड में बीते 5 वर्षों से जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत अन्य आरोपियों का सफाई बयान आज भी दर्ज नहीं किया जा सका. हालांकि, सुनवाई के दौरान कांड के नामजद अभियुक्त संजीव सिंह एवं विनोद सिंह ने अदालत में आवेदन दायर कर समय की याचना की. कोर्ट को दिए आवेदन को संचालित करते हुए अधिवक्ता मोहम्मद जावेद एवं पंकज प्रसाद ने कहा कि दोनों आरोपी अदालत द्वारा पारित 2 मई के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे. लिहाजा उच्च न्यायालय का आदेश प्राप्त करने तक उन्हें समय प्रदान किया जाए
संजीव और विनोद के उक्त आवेदन का अपर लोक अभियोजक कुलदीप शर्मा ने पुरजोर विरोध किया और कहा कि अब बचाव पक्ष केवल मामले को लंबा खींचना चाह रहा है इसलिए उन्हें समय नहीं दिया जाना चाहिए. उभय पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने दोनों के समय आवेदन को स्वीकार कर सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित कर दी है. दरअसल, 25 अप्रैल को संजीव सिंह ,पंकज सिंह, एवं डब्ल्यू मिश्रा ने जबकि 27 अप्रैल को अमन सिंह ,सागर सिंह, संजय सिंह, कुर्बान अली, विनोद सिंह, धनजी सिंह ने अभियुक्तों से पूछे जाने वाले प्रश्नों की पूरी सूची उपलब्ध कराने की याचना की थी जिसे अदालत ने 2 मई को खारिज कर दिया था और प्रश्नों की सूची सौंपने से इनकार कर दिया था साथ ही आज की तारीख अभियुक्तों के बयान दर्ज करने के लिए निर्धारित किया था. वही दूसरी ओर सुनवाई के दौरान सूचक अभिषेक सिंह की ओर से दो मई को दायर आवेदन का प्रत्युत्तर दाखिल कर पूर्व विधायक संजीव के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सेशन कोर्ट में विचाराधीन मामले में सूचक की ओर से निजी अधिवक्ता कोर्ट में दलील नहीं दे सकते केवल अभियोजन की सहायता कर सकते हैं. इस बाबत पूर्व विधायक संजीव सिंह की ओर से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जेके इंटरनेशनल एवं शिवकुमार रेखा मुरक्का वर्ष में पारित निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के तीन बेंच की खंडपीठ ने सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय मुकदमों में निजी अधिवक्ताओं के सीधे प्रतिनिधित्व पर रोक लगाई है और कहा है कि उनकी कोई अथॉरिटी नहीं होती है. केवल अभियोजन का संचालन कर रहे अपर लोक अभियोजक का सहयोग कर सकते हैं जिसका सूचक के अधिवक्ता ने पुरजोर विरोध किया. समाचार लिखे जाने तक सूचक के आवेदन पर बहस जारी है. आपको बता दें की 21 मार्च 2017 की संध्या, जब नीरज सिंह अपने फॉर्च्यूनर कार, जेएच10एआर-4500 से ड्राईवार, सहायक अशोक यादव और निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी के साथ अपने घर लौट रहे थे तभी स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर उनकी गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाईक सवारों ने हमला कर दिया था जिसमे नीरज सिंह समेत गाडी में बैठे सभी लोगो की मौके पर ही मौत हो गई थी.