Dhanbad News : मुख्यमंत्री के आदेश पर खुदिया पहुँचे मथुरा महतो…
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Dhanbad News : मुख्यमंत्री के आदेश पर खुदिया पहुँचे मथुरा महतो…
NEWSTODAYJ धनबाद : ईसीएल के मुगमा क्षेत्र अंतर्गत खुदिया कोलियरी में घटित घटना जिसमें विगत 5 दिनों से दो कोल कर्मी मानिक बाउरी और बसिया माजी अभी तक खदान में अचानक पानी घुस जाने से फंसे पड़े हैं। अभी तक बचाव कार्य में किसी को कोई सफलता नहीं मिली। शनिवार की सुबह से ही प्रबंधन द्वारा फिर से पुनः मोटर पंप खदान के अंदर डालने का कार्य शुरू हुआ पर अभी तक 5 दिन बीत जाने के बाद भी पानी का जलस्तर कम करने में प्रबंधन पूरी तरह से असफल रहा है। विगत 3 दिन पूर्व उड़ीसा के कटक से आए गोताखोर भी पानी का स्तर कम नहीं होने से अपना कार्य कर पाने में असफल रहे हैं।
प्रबंधन द्वारा लगातार मोटर पंप खदान के अंदर डाले जा रहे हैं पर कोई भी मोटर पंप बड़े पैमाने पर पानी का जलस्तर कम करने में पूरी तरह से असफल साबित हो रहे हैं। 5 दिन बीत जाने के बाद अब मामला पूरी तरह से राजनीतिक होता नजर आ रहा है। झारखंड सरकार की ओर से शनिवार की सुबह हेमंत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर टुंडी के विधायक सह पूर्व मंत्री मथुरा महतो जो वर्तमान में विधानसभा के सचेतक के रूप में भी कार्य कर रहे हैं खदान पर पहुंचकर प्रबंधन से पूरे मामले की जानकारी ली। वहीं विधायक के साथ झामुमो नेता अशोक मंडल अपने पूरे दलबल के साथ उपस्थित थे। विधायक मथुरा महतो ने महाप्रबंधक विभाष चंद्र सिंह से खदान दुर्घटना में किये जा रहे बचाव कार्य एवं पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया और कहा कि सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार खड़ी है। हेमंत सरकार ने इस पूरे मामले पर अपनी पैनी नजर बनाई हुई है और सारे घटनाक्रम का संज्ञान ले रही है। विधायक मथुरा महतो ने कहा कि इस घटना के लिए पूरी तरह से प्रबंधन जिम्मेदार है और बचाव कार्य खत्म होने के बाद दोषी लोगों पर दोषी अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। विधायक के सामने ही अंदर फंसे कोल कर्मियों के परिजन भी महाप्रबंधक विभाष चंद्र सिंह के साथ कहासुनी करने लगे। सीधा आरोप प्रबंधन पर लगाए कि 5 दिन बीत जाने के बाद भी प्रबंधन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई या बचाव कार्य की दिशा में कोई पहल करती नजर नहीं आ रही है।
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वही मौके पर उपस्थित अशोक मंडल ने कहा कि प्रबंधन उक्त खदान से सिर्फ कोयला का उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार असुरक्षित तरीके से वहां ब्लास्टिंग कर कोयला निकालने का कार्य कर रही थी। जबकि विगत 27 नवंबर को ही उक्त खदान में जल रिसाव की सूचना मिली थी उसके बाद ही प्रबंधन द्वारा कोयला उत्पादन के लिए लगातार खदान में ब्लास्टिंग किया जा रहा था जिसका नतीजा यह घटना है।