Dhanbad news:गजलीटांड हादसे के 26 वीं बरसी पर प्रभारी सीएमडी एवं बाघमारा विधायक ने पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
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गजलीटांड हादसे के 26 वीं बरसी पर प्रभारी सीएमडी एवं बाघमारा विधायक ने पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
NEWSTODAYJ_कतरास :26 सितंबर 1995 रात के 9:15 बजे धनबाद के गजलीटॉड कॉलोनी में अचानक बिजली चली गई।मुसलाधार बारिश के बीच छाया अंधेरा आज तक नहीं छटा है। कोयले की काली कमाई भ्रष्टाचार की कालिख और अफसरों की अफसरशाही के कारण वह काली रात आज भी उन 64 घरों में अंधेरा कर देती है जिसके चिरागों के अंतिम सांस के लिए खुला आसमान तक नसीब नहीं हुआ । जमीन के अंदर वे हमेशा के लिए दफन हो गए । 26 साल हुए ,यानी 26 सितंबर 2021 को धनबाद के गजलीटॉड कि भयावह रात को याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
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अब्दुल वाहिद से लेकर लोधा मांझी के परिजनों के लिए यह तारीख कभी न भुलाने वाली यह रात है।26 सितम्बर 1995 की वह काली रात में गजलीटॉड कोलियरी के छह नंबर खदान में कतरी नदी का पानी प्रवेश कर गया था।जिससे 64 मजदूरों की जल समाधि हो गयी थी। इस दुर्घटना में 64 घरों से हर एक ब्यक्ति की मौत हुई थी।उस समय राहत और बचाव कार्य के लिए कोई संसाधन मौजुद नही थी।
26 सितम्बर की वह रात
26 सितम्बर की वह रात याद करते ही दिल दहल जाता है। रोगटे खड़े हो जाते है,दिल और दिमांग दोनों सहज जाते है,आंखों से आँसू बहने लगते है। उस काली रात को याद करते ही हाथ पैर शून्य हो जाता है।बताया जाता है कि लगातार बारिश होने से कतरी नदी का पानी इतना उफान रहा था कि देखते ही लोगो की रोगटे खड़े हो जाते थे। लोगो का कहना था कि लगातार बारिश होने से नदी का जल स्तर इतना बढ़ गया था कि पानी खदान की सुरंगों से प्रवेश करने लगा।
और इतना पानी खदान के अंदर प्रवेश कर गया था, लोगो का कहना था कि यदि कतरी नदी का पानी खादान के अंदर नही प्रवेश करता तो कई गांव इस नदी के धारा में बह जाते ।कितने ही लोगो की जाने चली जाती जिसका आकलन करना संभव नही है। गजलीटॉड कोयला खदान की दिल दहला देने वाली घटना आज भी यहाँ के लोगो की आंखों में जिंदा है। कहा जाता है कि 26 सितम्बर आते ही कतरास के अंगारपथरा ओ पी थाना अंतर्गत गजलीटॉड कोलियरी में काम कर रहे कोयला श्रमिकों के चेहरे गमगीन हो जाते है।
हादसे का संकेत पहले ही दिया गया था..
क्योंकि कहा जाता है कि हादसे का संकेत खदान में काम कर रहे मजदूरो ने ऊपर के अधिकारियों को पहले ही दिया था।मजदूरों ने साफ तौर पर अधिकारियों को आगाह किया था कि खदान के अंदर का डेम कभी भी फट सकता है।इसका पानी खदान के अंदर घुस सकता है।मजदूरों ने कहा था कि सुरक्षा के लिहाज से कोयले की कटाई बंद कर देना चाहिए ।
64 बीसीसीएल कर्मी असमय काल के गाल में समा गए
लेकिन अधिकारियों के कानों तक जूं तक नहीं रेंगा। और 64 बीसीसीएल कर्मी असमय काल के गाल में समा गए।
बताते चलें कि रविवार को गजलीटांड शहीदी स्थल पर शहीदो को श्रद्धांजलि दी गई ।इस हादसे में शहीद हुए 64 शहीदों का शहीद दिवस बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी पीएम प्रसाद एंव बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर मृत शहीद कर्मियों के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया।
मौके पर शहीद के परिजनो ने प्रभारी सीएमडी को बताया कि 1 वर्ष से पेंशन नहीं मिल रहा है और मात्र 300 रुपए इस महंगाई में पेंशन मिलता है । प्रभारी सीएमडी ने आश्वासन देते हुए कहा कि पेंशन की राशि बढ़ाई जाएगी और जो पेंशन 1 वर्ष से बंद है उसे चालू करने के लिए आवेदन देने के लिए कहा।
मौके पर डायरेक्टर पर्सनल पी बी के आर राव डीटी चंचल गोस्वामी क्षेत्र संख्या 4 के जी एम ए के सिंह, जी एम सेफ्टी ए द्विवेदी, एजीएम देवराज, सौरव सिंह, पर्यावरण विभाग से रितेश रंजन, सुरेंद्र भूषण, एरिया मैनेजर मोहन मुरारी ,परियोजना पदाधिकारी रामानुज प्रसाद, पर्सनल मैनेजर पी एन सिंह, बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय झा कांग्रेसी नेता अशोक लाल आरसीएमएस के रामचंद्र पासवान बादल देशवाली, रामविलास साव मासस नेता हलदर महतो आदि ने श्रद्धांजलि दी।