नक्सल क्षेत्र की महिलाएं जो दातुन व लकड़ी बेचकर चलाती थी जीविका, अब होंगी स्वावलंबी
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धनबाद।
नक्सल क्षेत्र की महिलाएं जो दातुन व लकड़ी बेचकर चलाती थी जीविका, अब होंगी स्वावलंबी
धनबाद–के अति नक्सल प्रभावित टुंडी प्रखण्ड समेत जिले के कुल पांच प्रखंडो के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं धनबाद जिले के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की स्कूल ड्रेस की सिलाई करेंगी।
धनबाद से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम को महिलाओं के स्वावलंबन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है।सरकार की यह पहल अगर धनबाद में सफल होती है तो इसे सूबे के अन्य जिलों में लागू किया जाएगा।आज से प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत उपायुक्त ए डोड्डे ने मनियाडीह पंचायत सचिवालय में की।
उपायुक्त ने कहा भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम………..
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि धनबाद के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र सिलाई मशीन बैंक से लोन के माध्यम से इन महिलाओं को उपलब्ध कराई जाएगी। जबकि कपड़े भी विभिन्न होल सेलरों से लेकर इन्हें दिया जागेगा।एक माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद इन महिलाओं में सिलाई के गुण आ जाएंगे और स्कूल ड्रेस वितरण में व्याप्त भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से लगाम लग पायेगा।
10 करोड़ की आएगी राशि………
वित्तीय वर्ष 2018-19 में लगभग 10 करोड़ की राशि स्कूल ड्रेस के फंड में शिक्षा विभाग की तरफ से जिले को दिया जाना है। इस राशि से जिला प्रशासन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण कपड़े की खरीदारी कर बच्चों के लिए ड्रेस सिलाई का काम देगी।आज इसी प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन उपायुक्त ए डोडे ने दीप प्रज्वलित कर किया।
नक्सल प्रभावित मनियाडीह समेत गोविंदपुर,बाघमारा,नीरसा और अन्य प्रखंडो में चल रही लगभग 2 हजार SHG की 20 हजार महिलाएं सिलाई प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित हो रही हैं।मानियाडीह व गोविंदपुर में अवस्थित सिलाई प्रशिक्षण भवन में सैकड़ों की संख्या में सखी मंडल की बहने सिलाई कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
सबो का मकसद यही है कि एक ओर बच्चों के लिए स्कूल ड्रेस की सिलाई भी करें और दूसरी तरफ उन्हें स्वरोजगार प्राप्त हो जाए।
अब तक महिलाएं दातुन व लकड़ी का करती थी व्यवसाय………
नक्सल क्षेत्र की जो महिलाएं अभी सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।वे अबतक जंगलों से लकड़ी या दातुन काटकर अपने परिवार की जीविकापार्जन करती थी।
उपायुक्त ने अपनी तरफ से पहल करते हुए पिछले दिनों कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया था की धनबाद जिले में यह प्रयोग सफल होती है तो इसे सूबे के अन्य जिलों में भी लागू करने की योजना सरकार की है।
जबकि उपायुक्त ए डोड्डे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह योजना पूरी तरह से ट्रांसपरेंट है।अलग-अलग प्रखंडो से काफी कम्प्लेन आया करती थी जिसमे भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल होते थे।इस प्रयोग से कम्प्लेन जीरो प्रतिशत हो जाएगी।
बच्चों के नाप की होगी सिलाई………..
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा स्कूली बच्चों के ड्रेस सिलाई करने से जहां एक ओर शिक्षा विभाग में चल रहे कमीशन का खेल खत्म हो जाएगा ।वही बच्चों को उनके नाप का स्कूल ड्रेस उपलब्ध हो पाएगा।
आमतौर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के द्वारा जो ड्रेसेस खरीदे जाते थे वह बच्चों को फिट नहीं आते थे दूसरी ओर स्कूल के प्रधानाध्यापक से लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय तक के बाबू को चढ़ावा चढ़ाना होता था। SHG की महिलाओं के द्वारा बच्चों के स्कूल ड्रेस की सिलाई करने से भ्रष्टाचार पर भी रोक लग पाएगी।
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