नई सरकार में दुल्लू कि बढ़ सकती है मुश्किलें-यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीडिता ने तेज की अपनी लड़ाई
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नई सरकार में दुल्लू कि बढ़ सकती है मुश्किलें-यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीडिता ने तेज की अपनी लड़ाई
NEWS TODAY धनबाद :: झारखण्ड से भाजपा की सत्ता जाते ही वो विशेषाधिकार भी फीकी पड़ गई हैl लिहाजा सरकार गठबंधन की और भाजपा विपक्ष बन कर रह गईl इसी कड़ी में बाघमारा विधानसभा से निर्वाचित विधायक दुल्लू महतो पर संकटों के बादल मंडराते नजर आ रहे हैl दरअसल ढुलू महतो पर दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने झारखंड विधानसभा के प्रोटेम स्मीकर स्टीफन मरांडी और झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह मंत्री रामेश्वर उरावं से मिलकर ढुलू महतो पर कार्रवाई की मांग की है। सूत्रों कि माने तो दुष्कर्म की कोशिश के मामले में पुलिस जल्द ही आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।ज्ञात रहे कि, ढुलू महतो के खिलाफ कतरास की भाजपा नेत्री ने यौन शोषण का प्रयास करने की लिखित शिकायत की थी। कतरास पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया तो वह हाईकोर्ट गई। हाईकोर्ट के आदेश पर धनबाद पुलिस ने कतरास थाना में ढुलू महतो के खिलाफ भारतीय दंड विधान की गैर जमानतीय धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। यौन शोषण पीडि़ता ने इसी मुकदमे का जिक्र करते हुए स्टीफन मरांडी को दिए पत्र में कहा कि ढुलू महतो दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोपित हैं। उनके खिलाफ कतरास थाना में कांड संख्या- 178/ 2019 भादवि की धारा 354, 376, 504 एवं 511 के तहत केस हुआ है। जमानत कराए बगैर वे शपथ लेते हैं तो समाज में गलत संदेश जाएगा।
यौन शोषण पीडि़ता ने स्टीफन से अनुरोध किया कि वे ढुलू महतो को जमानत लेने का आदेश दें। यौन शोषण पीडि़ता ने इस आशय का पत्र कांग्र्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह कैबिनेट मंत्री डा रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम को भी दिया है। याद दिला दें कि विधानसभा चुनाव के पहले यौन शोषण पीडि़ता ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। वे कांग्र्रेस में शामिल हो चुकी हैं। भाजपा विधायक महतो को शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने से रोकने के लिए उन पर यौन शोषण का प्रयास करने का केस करने वाली पीडि़ता ने प्रोटेम स्पीकर स्टीफन मरांडी को पत्र दिया है। यौन शोषण पीडि़ता ने स्टीफन मरांडी को दिए पत्र में कहा कि ढुलू महतो के खिलाफ गंभीर अपराध का केस दर्ज है। इस केस में उन्होंने जमानत नहीं ली है। जमानत लिए बगैर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए अन्यथा सदन की गरिमा पर असर पड़ेगा।