झारखण्ड सरकार के सदन में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ़ प्रस्ताव के आश्वासन के बाद झारखण्ड विधानसभा घेरने का कार्यक्रम हुआ स्थगित
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झारखण्ड सरकार के सदन में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ़ प्रस्ताव के आश्वासन के बाद झारखण्ड विधानसभा घेरने का कार्यक्रम हुआ स्थगित…
NEWSTODAYधनबाद:वासेपुर और नया बाजार मे संविधान बचाओ मंच की तरफ से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे धर्नार्थीयों का प्रतिनिधिमंडल झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री हाजी हुसैन अंसारी से भेंट कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में अली अकबर, सैय्यद साजिद, हाजी ज़मीर आरिफ, शादाब आलम, रियाज खान, जावेद खान एवं डॉ. सैफुल्ला खालिद शामिल थे जिन्होंने विधानसभा में सीएए, एनपीआर एवं एनआरसी के विरोध में प्रस्ताव पारित करने की मांग की।मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इसी सत्र में ही एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव लाया जायगावहीं प्रतिनिधिमंडल ने बताया की देश भर में इस काले कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह काला कानून संविधान के अनुच्छेद 14 एंव 15 का उल्लंघन है जिसमें भारत के नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त है। इस कानून के लागू होने से देश के कई इलाकों में रहने वाले मूल निवासियों के सामने पहचान और आजीविका का संकट पैदा हो जायेगा। यह भी स्पष्ट किया कि एनपीआर ही एनआरसी का पहला चरण है। जनगणना में जनसंख्या का डाटा दिया जाता है जबकि एनपीआर में माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी का जन्म स्थान और उनकी जन्म तिथि का भी ब्योरा उपलब्ध कराना होगा जो किसी भी हाल में व्यवहारीक नहीं है क्योंकि 90 प्रतिशत लोगों को अपने पूर्वजों के जन्म तिथि की जानकारी नहीं होती है और ना ही नगरपालिका या पंचायत द्वारा मांगे जा रहे जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध है। झारखंड जैसे पिछड़े और आदिवासी बहुल राज्य में तो यह और भी संभव नहीं है।
यह भी स्पष्ट है कि यदि कोई राज्य सरकार एनआरसी के खिलाफ है तो पहले उसे एनपीआर को रोकना होगा। देश के कई राज्यों ने इसके खिलाफ विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित कर अपने राज्य में इसे लागू ना करने का फैसला किया है ठीक उसी तर्ज़ पर एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ झारखण्ड विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की मांग की गयी। साथ ही विधानसभा द्वारा केंद्र सरकार को सीएए वापस लेने के सम्बन्ध में प्रस्ताव पारित किया जाने की भी मांग की गयी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सदन मे प्रस्ताव लाकर सीएए, एनपीआर और एनआरसी को खारिज किया जाएगा।
संविधान बचाओ मंच धनबाद ने सरकार के इस निर्णय को प्रदेश की आम अवाम की जीत और सरकार को धन्यवाद का पात्र बताया।