झारखंड में दो ऐसे दिग्गज पुलिस इंस्पेक्टरों का तबादला ऐसी जगहों में हुआ है जो दुमका से राजधानी रांची तक चर्चा का विषय…
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NEWSTODAYJ रांची : प्रभाव, पहुंच,रसूख,पैसा और पैरवी हो तो झारखंड में सबकुछ मुमकिन है।खासकर पैसा कमाऊ जगहों पर ट्रांसफर पोस्टिंग के मामलों में डीसी,एसपी,डीएसपी,रजिस्ट्रार,एसडीओ,बीडीओ,सीओ की बात आप छोड़ दीजिए। इंस्पेक्टर, दारोगा के जिला ट्रांसफर में उपर्युक्त हथकंडों का खूब इस्तेमाल होता है।
अभी दो महीने के अंदर झारखंड में दो ऐसे दिग्गज पुलिस इंस्पेक्टरों का तबादला ऐसी जगहों में हुआ है जो दुमका से राजधानी रांची तक चर्चा का विषय बना हुआ है।पुलिस में इसे लेकर काफी मर्मरिंग है। दोनों पुलिस निरीक्षक पंडी जी हैं।एक हैं उत्तम तिवारी और दूसरा हैं संजीव कांत मिश्रा।दोनों हैं 94 बैच के अवर निरीक्षक।हालांकि सरकार किसी की भी रहे अपने जुगाड़ के दम पर ये हमेशा मलाई काटते रहे हैं।
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उत्तम तिवारी का सिंगल तबादला एसीबी दुमका से सीधे हजारीबाग जिला बल में हुआ।वह भी घोर लॉक डाउन के दरम्यान।जिलाबल में योगदान के साथ हजारीबाग के एसपी ने उनका तबादला श्री तिवारी की इच्छा के विरुद्ध पेलावल जैसे छोटे थाने में कर दिया।झारखंड विधानसभा के जिस ताकतवर हस्ति के बूते मिनटों में श्री तिवारी का ट्रांसफर हजारीबाग हुआ,उसी आका को दुबारे फोनकर इंसपेक्टर ने कहा कि एसपी ने मुझे कचड़े में फेंक दिया है। बस क्या था तिवारी फौरन चले गए जीटी रोड में बरही।पूर्व में भी ये देवघर, जामताड़ा,जमशेदपुर के मलाईदार थानों में मजा मार चुके हैं।
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दूसरे श्रीमान हैं तेज तर्रार संजीव मिश्रा जी।ये धनबाद में बमुश्किल साल भर पहले गए हैं।लेकिन पुलिस मुख्यालय में अपनी सीधी और मजबूत पकड़ के लिए विख्यात श्रीमान ने अपना तबादला जामताड़ा करा लिया जहां वे पूर्व में पदस्थापित रह चुके हैं। दोनों की हैसियत ये है कि जब चाहा, जहां चाहा,जैसा चाहा वैसी पोस्टिंग करायी।इसे कहते हैं भीड़ में भी तन्हा दिखना,कंबल ओढ़ के घी पीना और वरीय अधिकारियों को अपनी औकात में रहने की अप्रत्यक्ष मनोवैज्ञानिक नसीहत देना।