Vaccination campaign : इंडिया में पहले हफ्ते 15 लाख से अधिक लाभार्थियों को लगाई गई वैक्सीन…
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Vaccination campaign : इंडिया में पहले हफ्ते 15 लाख से अधिक लाभार्थियों को लगाई गई वैक्सीन…
NEWSTODAYJ नई दिल्ली : देश में 16 जनवरी को शुरू हुए कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान के पहले हफ्ते में 15 लाख लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई गई है।प्राथमिकता समूह में शामिल इन 15 लाख लाभार्थियों में अधिकतर स्वास्थ्यकर्मी हैं और इन्हें पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी।स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि शनिवार शाम 6 बजे तक 27,776 सेशन में 15,37,190 लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
वैक्सीन लगाने के मामले में भारत की रफ्तार दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में सबसे तेज है।भारत में पहले हफ्ते में जहां 15 लाख लाभार्थियों को वैक्सीन दी है, वहीं अमेरिका में पहले सात दिनों में महज 5.56 लाख लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई गई थी।यूनाइटेड किंगडम (UK) और रूस में तो यह संख्या और भी कम थी। दोनों देशों में पहले हफ्ते क्रमश: 1.37 लाख और 52,000 लाभार्थियों को ही वैक्सीन दी गई थी।सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार सबसे तेज है और पहले हफ्ते में इन राज्यों में सबसे ज्यादा लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई गई है।अभियान के पहले हफ्ते में कुल 11 लाभार्थियों को वैक्सीन लेने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया और छह लोगों की मौत हुई है,
लेकिन मंत्रालय का कहना है कि इनमें से किसी की भी मौत की वजह वैक्सीन नहीं है।वैक्सीनेशन अभियान के दूसरे सप्ताह में सात और राज्यों में भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवैक्सिन का इस्तेमाल शुरू होगा।अभी तक 12 राज्य ऐसे थे, जहां कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड की खुराक दी जा रही थी। अब सात और राज्यों में कोवैक्सिन का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि ये राज्य छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल हैं।बता दें कि देश में अभी कोरोना वायरस वैक्सीनेशन का पहला चरण चल रहा है।
और इसमें स्वास्थ्यकर्मियों और महामारी में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जानी है।हालांकि स्वास्थ्यकर्मियों में वैक्सीनों के प्रति भरोसे की कमी देखने को मिली है और हजारों स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे नहीं आए हैं।इस वजह से कई राज्यों में निर्धारित लक्ष्य के 50 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीन नहीं दी जा सकी है।