Statue damaged : असामाजिक तत्व ने बिरसा मुंडा की मूर्ती को क्षतिग्रस्त किया , दो दिन बाद होनी है आदिवासी दिवस…
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Statue damaged : असामाजिक तत्व ने बिरसा मुंडा की मूर्ती को क्षतिग्रस्त किया , दो दिन बाद होनी है आदिवासी दिवस…
- 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। दो दिन पहले भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी जिन्हे भगवान मानते हैं, उन बिरसा मुंडा की मूर्ती को नुकसान पहुंचाया गया है।
- विश्व आदिवासी दिवस से दो दिन पहले झारखंड में तोड़ी गई बिरसा मुंडा की मूर्ती, आदिवासियों में गुस्सा।
NEWSTODAYJ : झारखंड के रामगढ़ में बिरसा मुंडा की मूर्ती तोड़ने की अफ़सोसनाक़ घटना मामला सामने आई है।यह घटना 6 और 7 अगस्त की रात की बताई जा रही है। इस घटना के बाद स्थानीय आदिवासी समुदाय में काफ़ी नाराज़गी बताई जा रही है।इस सिलसिले में रामगढ़ के स्थानीय आदिवासी संगठनों ने बैठक बुलाई है जिसमें इस घटना की निंदा का प्रस्ताव पास किया जाएगा। इसके साथ ही इस बैठक में बिरास मुंडा की मूर्ती को तोड़ने की घटना का विरोध करने की रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
बिरसा मुंडा की क्षतिग्रस्त मूर्ति को देख स्थानीय आदिवासियों ने बताया कि वो जब सुबह अपने घरों से निकले तो उन्होने देखा कि पैंकी फोरलेन के बगल में बिरसा मुंडा का स्टेच्यू तोड़ दिया गया है। इन आदिवासियों ने बताया कि इससे पहले भी बिरसा मुंडा की मूर्ती के साथ तोड़ फोड़ की जा चुकी है।उस समय प्रशासन ने मूर्ती की मरम्मत करवा दी थी और मामला रफ़ा दफ़ा हो गया था।
स्थानीय आदिवासी नेताओं का कहना है कि अगर पिछली घटना में पुलिस प्रशासन ने ज़िम्मेदारी से काम किया होता तो यह घटना नहीं होती।एशियाविल हिन्दी से बात करते हुए भारतीय मुंडा समाज के सदस्य मिहिरचन्द मुंडा ने कहा “आज सुबह सुबह ये पता चला है कि भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ती को एक बार फिर से क्षति पहुंचा दी गई है।इस बारे में विरोध प्रदर्शन करने के लिए संगठन की बैठक बुलाई गई है।
उन्होने कहा कि पहले भी आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ती तोड़ी गई है।इससे कुछ वर्गों की आदिवासी विरोधी मानसिकता का पता चलता है।उन्होने बताया कि भारतीय मुंडा समाज और बिरसा मुंडा समिति की बैठक बुलाई गई है।इस बैठक में इस घटना की निंदा की जाएगी। इसके साथ ही इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाने की रणनीति पर बातचीत की जाएगी।
9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस है, इससे दो दिन पहले आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की मूर्ती को क्षति पहुंचाना अफ़सोसनाक़ है।दरअसल आदिवासी बहुल झारखंड में पिछली बीजेपी की रघुवर दास सरकार के ज़माने में पूरी राजनीति का धुर्वीकरण आदिवासी बनाम ग़ैर आदिवासी बनाने की कोशिश की गई।रघुवार दास अपनी सभी कोशिशों के बावजूद चुनाव में अपनी पार्टी को नहीं जिता पाए।लेकिन राज्य की राजनीति में जो धुर्वीकरण पैदा किया गया, उसका असर नज़र आ रहा है।