Politics : झारखंड राज्य में जितने भी सारे नेताओ की नामि बेनामी सम्पत्ति और कारोबार उजागर करे झारखण्ड सरकार : भाजपा…
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Politics : झारखंड राज्य में जितने भी सारे नेताओ की नामि बेनामी सम्पत्ति और कारोबार उजागर करे झारखण्ड सरकार : भाजपा…
- झारखंड के मुख्य सचिव प्रभारी डीजीपी और साइबर सेल से भी माँग कर रहे हैं कि आपके पहचान के बारे में बतायें।
- बाबूलाल मरांडी की दुमका के गांधी मैदान के नज़दीक वाली बेनामी सम्पत्ति जो आप बता रहे हैं, झारखंड सरकार को वहाँ तुरत छापा मरवाकर उसे जप्त कराना चाहिए।
NEWSTODAYJ : रांची । भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने सोशल मीडिया में सत्ता के कथित पैरोकार अरुण वर्मा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की अरूण वर्मा जी ,आप कौन हैं? यह आपके प्रोफ़ाइल से पता नहीं चलता।
सिंह ने रविवार को कहा कि क़ायदे से इतना गंभीर और सत्ताशीर्ष के अंदर की बात आपको पता है और शासकों के बेहद करीबी हैं, इतने ज़िम्मेवार जनप्रतिनिधियों के बारे में दनादन ट्वीट कर रहे हैं तो आपका प्रोफ़ाइल भी पता चलना चाहिये। हम झारखंड के मुख्य सचिव प्रभारी डीजीपी और साइबर सेल से भी माँग कर रहे हैं कि आपके पहचान के बारे में बतायें। अगर बाबूलाल मरांडी के नाम की आड़ में कोई भी कालाबाज़ारी कर रहा है या करवा रहा है उसे पकड़ के जेल भेजवाइए।
आदरणीय बाबूलाल जी आपका चेला बोले ब्रोकर बोले या सगिर्द बोले या बिजनेस पार्टनर बोले,अभी भी आपका गांधी मैदान दुमका स्थित घर मे इनका ऑफिस है,जिसको आपने बेचने का ढ़ोग रचा है,सारी दुनिया जान रही है कि आप अपने उसी पार्टनर योगेंद्र तिवारी से मिल कर काला बजारी करवा रहे है संथाल परगना में https://t.co/NDohY90qQh
— Arun Verma (@arunverma70040) August 14, 2020
बाबूलाल मरांडी की दुमका के गांधी मैदान के नज़दीक वाली बेनामी सम्पत्ति जो आप बता रहे हैं, झारखंड सरकार को वहाँ तुरत छापा मरवाकर उसे जप्त कराना चाहिए। एक महीने भी नहीं हुए योगेन्द्र तिवारी को जामताड़ा पुलिस ने पकड़ा और फिर छोड़ दिया तो बाबुलाल जी ने उस मामले की जाँच एसआईटी से कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। ताकि पता चले कि वह कैसे पकडा़ गया? और पकड़ा गया तो बिना जेल गये कैसे छूट गया? लेकिन जाँच इसलिये नहीं होगी क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दुमका का जो हवेली है उसका यह तस्वीर वाला आधा ज़मीन योगेन्द्र तिवारी का है।
श्री अरुण वर्मा जी,आपके ट्वीट का जवाब थोड़ा लंबा है। पढ़ें और मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी से इसपर आधिकारिक कारवाई कराने का कष्ट करें।@yourBabulal @BJP4Jharkhand @dprakashbjp @idharampalsingh @nishikant_dubey @itssuniltiwari https://t.co/OOttCKrRcz pic.twitter.com/4yaNZdc8X0
— Saroj Singh BJP (@sarojsinghBJP1) August 16, 2020
उन्होंने कहा कि बाबूलाल जी से हमारी बात हुई है। उन्होंने आप जैसे सरकार के शुभचिंतकों के माध्यम हेमंत सोरेन सराकर से अपील की है कि उनका( बाबूलाल मरांडी ) जो भी दुमका, देवघर धनबाद समेत जहां कहीं भी नामी-बेमानी सम्पत्ति ही नहीं और जो भी ज़मीन मकान, खान, खदान बालू-पत्थर, कोयला, स्कूल,कालेज या जिस किसी भी चीज़ का बेनामी कारोबार है, उसे मरांडी जी झारखंड सराकर को दान में देते हैं।
इससे पहले सराकर उस सारे सम्पत्ति को क़ब्ज़े में ले ले। फिर मरांडी जी पर ऐसे नामी-बेनामी भ्रष्टाचार के लिये मुक़दमा कर तुरंत जाँच कराये। इस काम में मरांडी जी से जो भी सहयोग अपेक्षित होगा वे खुद वहाँ खड़ा रहकर करेंगे।और सरकार अगर यह पुण्य काम करती है तो सबसे पहले वे सरकार के इस साहसिक काम का स्वागत भी करेंगे। सिंह ने कहा कि झारखंड की जनता को यह जानने का हक़ है कि कौन-कौन नेता और उसके परिवार के लोग नामी-बेनामी ज़मीन-जायदाद, मकान, बालू , कोयला, पत्थर के खान-खदान का जायज़-नाजायज गोरखधंधा करते आ रहे हैं। राज्य सराकर के पास तो पुलिस की विशेष शाखा जैसी खुद की जाँच एजेंसी है ही।
अगर हेमंत सरकार उसकी जाँच कराकर रिपोर्ट सार्वजनिक कर दे तो मुझे स्वीकार्य होगा। जाँच में जहां भी मरांडी जी के सहयोग की भी ज़रूरत होगी तो वे विशेष शाखा के अधिकारियों के लिये सदैव उपलब्ध रहेंगे। कौन है सुरेश नागरे? झारखंड और सोशल मीडिया में पिछले कुछ दिनों से यह नाम चर्चा का विषय बना हुआ है। ये सख्श झारखंड में कब आया और किसका-किसका, किन-किन चीजों मे पार्टनर है? और क्या धंधा करता रहा है? हम मुख्यमंत्री जी से माँग करते हैं कि बिना विलम्ब किये इस बारे में आधिकारिक तौर पर राज्य की जनता को बतायें।