Political news: हेमंत सरकार वित्तीय प्रबंधन में नाकाम,900 करोड़ का हुआ राजस्व घाटा:सांसद जयंत सिन्हा
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NEWSTODAYJ_रांचीः झारखंड में हेमंत सरकार वित्तीय प्रबंधन में नाकाम है. वित्तीय कुप्रबंधन की वजह से झारखंड को लगभग 900 करोड़ का राजस्व घाटा उठाना पड़ा है. यह पिछले 5 वर्षों में पहली बार हुआ है. उक्त बातें मंगलवार को बीजेपी प्रदेश कार्यालय में हजारीबाद के सांसद जयंत सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कही.
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का वित्तीय प्रबंधन किस प्रकार का है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि झारखंड पूरे देश में कैपिटल एक्सपेंडिचर में सबसे कम निवेश करने वाले राज्यों में से एक है. उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा अपने बजट का 19 प्रतिशत कैपिटल एक्सपेंडिचर पर खर्च कर रहे हैं. वहीं, झारखंड का कैपिटल एक्सपेंडिचर दर सिर्फ 17 प्रतिशत है.
क्या कहते हैं सांसद
हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि झारखंड सरकार के पास अपार साधन है. लेकिन खर्च करने की सही नीयत नहीं है. इसके कारण केंद्र की ओर से भेजे जा रहे पैसे का सदुपयोग नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के स्वयं के बजट अनुमान के अनुसार वर्ष 2021-22 में खर्च करने के लिए लगभग 91,277 करोड़ की राशि है, जिसमें लगभग 39,942 करोड़ का योगदान केंद्र सरकार टैक्स और अनुदान के रूप में दे रही है. पिछले वर्ष की तुलना में केंद्र सरकार का योगदान 19.62 प्रतिशत बढ़ा है.
वहीं, वर्ष 2020-21 में खर्च करने के लिए लगभग 90,007 करोड़ की राशि थी, जिसमें लगभग 33,389 करोड़ का योगदान केंद्र सरकार ने टैक्स और और अनुदान के रूप दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के पास वर्ष 2021 तक डीएमएफटी के तहत लगभग 7000 करोड़ की राशि थी. इस बार मोदी सरकार ने पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान की घोषणा की है. इस योजना के तहत झारखंड को 50 साल के लिए लगभग एक लाख करोड़ तक का ब्याज मुक्त ऋण विकास कार्यों के लिए मिल सकता है.