Political news: एलजेपी विवाद में पीएम की चुपी पर बोले चिराग:हनुमान के वध पर राम चुप,यह ठीक नही….
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Political news: एलजेपी विवाद में पीएम की चुपी पर बोले चिराग:हनुमान के वध पर राम चुप,यह ठीक नही….
Political news:लोक जनशक्ति पार्टी में अंदरूनी सियासत (LJP Political Crisis) खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पार्टी में नेतृत्व को लेकर घमासान जारी है. चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने बागी विधायकों के साथ मिलकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं और अब चिराग पासवान पार्टी की कमान अपने हाथ में लेने के लिए जोर आजमाइश में लगे हुए हैं. पार्टी में राजनीतिक खींच तान के बीच अब चिराग पासवान ने इस पूरे मामले में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की चुप्पी पर बड़ी बात कही है.
चिराग ने बुधवार को कहा कि अगर हनुमान का वध हो गया और राम चुप रहे तो यह ठीक नहीं है. सतयुग में हर समय हनुमान राम के साथ खड़े रहे लेकिन आज अगर हनुमान परेशानी में है और राम चुप रहे तो यह ठीक नहीं है. हनुमान ने हर कदम में भगवान राम का साथ दिया है. आपको बता दें कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताया था.
हनुमान ने हर कदम पर दिया साथ
चिराग ने कहा कि जिस तरह से हनुमान हर एक समय में भगवान राम के साथ कदम मिलाकर चले ठीक उसी तरह लोजपा पीएम मोदी के हर निर्णय के साथ बराबर खड़ी रही. आज उनके हनुमान पर संकट आया है तो उन्हें उम्मीद थी कि राम इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और राजनीतिक विवाद को सुलझाने में मदद करेंगे.
विवाद पर चुप रहने से हुआ दुखी
चिराग ने कहा कि बीजेपी की चुप्पी से उन्हें दुख हुआ लेकिन मैं अभी भी कहूंगा कि मुझे पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है कि वह इस विवाद को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप जरूर करेंगे. लोजपा सांसद ने कही क उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस विवाद को भाजपा लोजपा पर नियंत्रण बनाए रखने के उद्देश्य से चाचा पशुपति पारस की तरफ से शुरू किए गए विवाद को हस्तक्षेप के माध्यम से सुलझाएगी.
चुनाव आयोग को लिखा पत्र
गौरतलब है कि चाचा पशुपति पारस ने पांच सांसदों के साथ मिलकर चिराग पासवान के नेतृत्व का विरोध कर दिया था. पांचों सासंदों ने बाद में चाचा पारस को कार्यकारिणी की बैठक में निर्विरोध रूप से एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया था. चिराग पासवान ने इस पारस गुट की तरफ से बुलाई गई इस बैठक को असंवैधानिक बताया था. सूत्रों की मांने तो चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना अधिकार मांगा है.