
MGNREGA JOB : शहरी मजदूरों को भी मिलेगा रोजगार, सरकार बना रही योजना, इन लोगों को होगा सबसे अधिक फायदा , अब तक 27 करोड़ लोग ले रहे लाभ…
NEWSTODAYJ नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के कारण देशभर में खासकर शहरों में लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं और उनकी आजीविका पर संकट आ गया है। इस समस्या से निजात पाने और शहरों में मजदूरी करने वाले कामगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने ग्रामीण भारत में गरीबों को कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी देने वाली योजना मनरेगा का विस्तार शहरों तक करने का योजना बनाई है।
केंद्र सरकार का कहना है कि शहरों तक मनरेगा कार्यक्रम को विस्तार देने से उन मजदूरों को काफी फायदा होगा जिनके पास कोरोना वायरस की वजह से कोई काम नहीं है या जिनकी नौकरी छिन गई है।हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी संजय कुमार ने कहा कि अगर यह कार्यक्रम शहरों में लागू होता है तो इस पर हर साल 35,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को पहले छोटे शहरों में शुरू करने की योजना है। इसके बाद इसे बड़े शहरों में लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस योजना को शहरों में लागू करने के बारे में पिछले साल से ही सोच रही थी, लेकिन अब कोरोना वायरस की वजह से इस प्रक्रिया में तेजी आई है। शहरों में इस योजना के लागू होने से कंस्ट्रक्शन क्षेत्र, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और एमएसएमई (MSMEs) सेक्टर में काम करने वाले वर्कर्स को काफी फायदा होगा।27 करोड़ लोग ले रहे योजना का लाभ।
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संजय कुमार ने कहा कि मोदी सरकार ग्रामीण भारत में लोगों को कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने के लिए हर साल एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है। इस योजना को तहत मजदूरों को हर साल कम से कम 100 दिनों तक न्यूनतम 202 रुपये मिलते हैं। इस योजना के शहरों में लागू होने से यहां भी मजदूरों को रोजगार की गारंटी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना का फायदा अभी देश के 27 करोड़ लोग उठा रहे हैं।
12 करोड़ से अधिक की नौकरी गई।सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के कारण अप्रैल महीने में देश में 12 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो गए और बेरोजगारी दर 23% तक पहुंच गई। लॉकडाउन हटने के बाद लोगों को धीरे-धीरे रोजगार मिलना शुरू हुआ है लेकिन देश में अभी भी बेरोजगारी दर 9% के करीब है। शहरों में तो यह 10% के करीब है। ऐसे में केंद्र सरकार को उम्मीद है कि शहरों तक मनरेगा के विस्तार से बेरोजगारी दर में कमी आएगी।