Jharkhand News : रेलवे स्टेश के Platform में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी , धरना प्रदर्शन , “बोनस हमारी हक” , से गुंजा स्टेशन…
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Jharkhand News : रेलवे स्टेश के Platform में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी , धरना प्रदर्शन , “बोनस हमारी हक” , से गुंजा स्टेशन…
NEWSTODAYJ : पाकुड़ जिले के ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन पाकुड़ शाखा के अध्यक्ष कामरेड अखिलेश कुमार चौबे एवं कार्यकारी अध्यक्ष कामरेड संजय कुमार ओझा की अगुवाई में एआईआरएफ नई दिल्ली के निर्देशानुसार ईआरएमयू पाकुड़ शाखा द्वारा 20 अक्टूबर को बोनस दिवस मनाते हुए केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति एवं बोनस को अब तक घोषित नहीं करने के विरोध में रेल कर्मचारियों द्वारा प्लेटफार्म नंबर एक पर एक प्रदर्शन किया गया।
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शाखा अध्यक्ष कॉमरेड अखिलेश चौबे ने रेल कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल मिलने वाला बोनस पिछले वित्तीय वर्ष 2019 -20 का है जो कि उत्पादकता आधारित है।इसे सरकार को देना ही होगा ।क्योंकि बोनस हमारे हक है।रेल परिचालन में जी जान से लगे रेलकर्मी की मांग को अब तक नजरअंदाज किया जा रहा है ।अगर 21 अक्टूबर तक बोनस की घोषणा नहीं की जाती है तो 22 अक्टूबर को देशभर में रेल चक्का जाम किया जाएगा। इसके लिए रेल कर्मचारी अपने सीने पर गोली खाने को भी तैयार हैं।
कार्यकारी अध्यक्ष संजय ओझा के हवाले से बताया गया कि एआईआरएफ नई दिल्ली के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा द्वारा कई बार रेल कर्मचारियों के न्यायोचित मांगों को लोकतांत्रिक ढंग से पत्राचार द्वारा एवं व्यक्तिगत रूप से मिलकर के रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं रेल मंत्री के समक्ष रखा गया और दुख इस बात का है कि सभी मांगों को जायज मानते हुए भी किसी तरह का स्वीकृति आदेश जारी नहीं किया जा रहा है। एक ओर कोरोना काल में जब पूरा देश लॉकडाउन था और देश का अधिकांश नागरिक कोरोना के भय से अपने-अपने घरों में बंद थे , वहीं रेल कर्मचारी अपने कर्तव्य पालन में निर्भीक रूप से डटे रहे एवं पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की प्रतिपूर्ति को सुचारू बनाए रखने में भरपूर योगदान दिया।
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जिसे पूरे देश ने देखा एवं अनुभव किया। जब रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई उसमे भी रेलकर्मी अपना जान जोखिम में डालकर उनका परिचालन सुनिश्चित किया ।इस क्रम में सैकड़ों रेलकर्मी शहीद हो गए। इस कोरोना काल में भी रेल कर्मियों की कर्मठता के कारण रेलवे द्वारा सामान्य से 20% अधिक माल ढुलाई की गई। रेलकर्मी के हौसले तारीफ कई बार रेल मंत्री ने किया है, परंतु जब रेल कर्मचारी को उनका हक देने की बात होती है तो सभी मौन हो जाते हैं। संजय ओझा ने बताया इस बार रेल कर्मचारी पूरी तरह आक्रोशित है एवं आर पार की लड़ाई के मूड में है। 21 अक्टूबर को भी अलग-अलग विभागों में जाकर 22 अक्टूबर को होने वाले रेल चक्का जाम आयोजन को सफल बनाने के लिए रेल कर्मियों को प्रेरित किया जाएगा तथा सरकार की गलत नीति के दुष्प्रभाव को कर्मचारियों के बीच रखा जाएगा। 22 अक्टूबर को होने वाले सांकेतिक रेल चक्का जाम के बाद बड़ा आंदोलन करने की योजना बन चुकी है।
वर्तमान केंद्र सरकार की निरंकुश नीति का दुष्प्रभाव समाज के निम्न वर्ग पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। इन आर्थिक एवं श्रमिक नीतियों के कारण देश का गरीब और गरीब होता चला जाएगा तथा अमीर और ज्यादा अमीर होगा। अमीरी और गरीबी के बीच की गहराई बढ़ती चली जाएगी ।देश का युवा वर्ग बेरोजगार होगा, साथ ही शोषण का शिकार होगा। नई समिति नीति के कारण श्रमिक वर्ग के अधिकारों में कटौती की जाएगी और उनका शोषण करने की खुली छूट दे दी जाएगी ।अतः समय रहते अगर सरकार की गलत नीतियों का विरोध नहीं किया गया तो देश का अधिकांश धन कुछ एक कंपनियों के हाथ में चला जाएगा एवं सरकार पर उनका पूर्ण नियंत्रण हो जाएगा। रेल श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि होने के नाते हमारा दायित्व है कि शिक्षित युवा वर्ग के भविष्य की सुरक्षा, आम गरीब जनता को आर्थिक शोषण से बचाने हेतु रेलवे में हो रहे।
बदलाव के प्रति जागरूक होने के कारण प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से समाज के हर तबके में जागरूकता फैलाएं ताकि सरकार निजी करण, श्रमिक विरोधी नीति आदि जैसी आत्मघाती, देश विरोधी सोच से बाहर आए और देश की राष्ट्रीय संपत्ति को निजी कंपनियों के हाथ में न बेचे।आज के धरना कार्यक्रम में शाखा के संयुक्त सचिव फजले रहमान कलीम अंसारी ,अमर मल्होत्रा ,विक्टर जेम्स, गुंजन कुमार, रामकुमार यादव ,दीपक प्रमाणिक, अमरदेव, इत्यादि सहित सैकड़ों रेल कर्मी मौजूद थे।