Freedom from triple talaq : मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में एक अगस्त को इतिहास में दर्ज हो गया ,अगस्त माह देश के लिए महत्वपूर्ण…
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Freedom from triple talaq : मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में एक अगस्त को इतिहास में दर्ज हो गया ,अगस्त माह देश के लिए महत्वपूर्ण…
- तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्त करने के मामले में भारत के इतिहास में मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में दर्ज हो गया है।
- देश में मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न करने वाली यह कुप्रथा वोट बैंक के सौदागरों के सियासी संरक्षण में फलती-फूलती रही।
NEWSTODAYJ : (ब्यूरो रिपोर्ट) अगस्त का महीना इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। आठ अगस्त भारत छोड़ो आंदोलन, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस, 20 अगस्त सद्भावना दिवस और पांच अगस्त अनुच्छेद 370 खत्म होने के लिए जाने जाते हैं। अब एक अगस्त भी मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्त करने के मामले में भारत के इतिहास में मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में दर्ज हो गया है।
तीन तलाक न संवैधानिक तौर से ठीक था, न इस्लाम के नुक्तेनजर से जायज था।
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तीन तलाक या तलाके बिद्दत न संवैधानिक तौर से ठीक था, न इस्लाम के नुक्तेनजर से जायज था, फिर भी हमारे देश में मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न करने वाली यह कुप्रथा वोट बैंक के सौदागरों के सियासी संरक्षण में फलती-फूलती रही। 18 मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिए।
जाने के बाद मोदी सरकार ने एक अगस्त, 2019 को संसद में कांग्रेस, वाम दलों, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित तमाम कथित सेक्युलर दलों के विरोध के बावजूद तीन तलाक कुप्रथा को खत्म करने के विधेयक को कानूनी रूप दिया। इसी के साथ देश की मुस्लिम महिलाओं के लिए यह दिन संवैधानिक, मौलिक, लोकतांत्रिक एवं समानता के अधिकारों का दिन बन गया।