
NEWSTODAYJ_नवरात्र पर्व के दौरान कन्या पूजन का बडा महत्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिविंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्त का नवरात्र व्रत पूरा होता है। अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें भोग लगाकर दक्षिणा देने मात्र से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को उनका मनचाहा वरदान देती हैं। आइये जानते है नवरात्र के किस दिन कन्या पूजन करें।
कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन और भोज रखते हैं और कुछ लोग अष्टमी के दिन। अष्टमी के दिन भी कन्या पूजन श्रेष्ठ रहता है। कन्या पूजन विधि जिन कन्याओ को भोज पर खाने के लिए बुलाना है, उन्हें एक दिन पहले ही न्योता दे दे।
इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाकर इन सभी के पैरो को बारी बारी से अपने हाथो से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छूकर आशीष लेना चाहिए।
उसके बाद पैरो पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए। फिर माँ भगवती का ध्यान करके इन देवी रुपी कन्याओ को इच्छा अनुसार भोजन कराये। भोजन के बाद कन्याओ को अपने सामर्थ के अनुसार दक्षिणा दे , उपहार दे और उनके पुनः पैर छूकर आशीष लें |