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Farmers Protest : केंद्र कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक नहीं लगाती तो हम इन पर रोक लगाएंगे- सुप्रीम कोर्ट…
NEWSTODAYJ (एजेंसी) : दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन से जुड़े नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह सरकार और किसानों के बीच बातचीत के तरीके से निराश है। शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा कि जब तक उसके द्वारा गठित एक समिति इस पर विचार-विमर्श नहीं करती है और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करती है,
तब तक केंद्र को कानूनों पर रोक लगाना चाहिए।कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक नहीं लगाना चाहती तो हम इन पर रोक लगाएंगे।सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के ऐसे फैसले हैं जो कहते हैं कि कोर्ट कानून पर रोक नहीं लगा सकते हैं।भारत के मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार से कहा कि आपने इसे ठीक से नहीं संभाला है हमें आज कोई कदम उठाना होगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या अभी के लिए कृषि कानूनों को लागू करने को होल्ड पर रखा जा सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम कुछ नहीं कहना चाहते हैं, प्रदर्शन चल सकता है लेकिन इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 48वें दिन भी जारी है।किसान मज़दूर संघर्ष समिति के प्रेस सचिव ने बताया, “अब सरकार ने दूसरी रणनीति शुरू कर दी है।वे फर्जी किसान संगठन लेकर आ रहे हैं।
हमको चुनौती देने के लिए छोटे मोटे संगठन खड़े कर रहे हैं।आज पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा ”डेढ़ महीने से किसानों को ठंड में बैठाकर आज सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है इससे स्पष्ट होता है कि 3 कानूनों को वापस लेने का सरकार का इरादा नहीं है, किसानों की जो जान जा रही है उसकी भी उन्हें परवाह नहीं है।