
Electrical accident : मुहर्रम के अखाड़े का झंडा लगाने के दौरान विद्युत करंट से युवक की मौत , दो घयाल…
- झंडा लगाने के दौरान बिजली करंट की चपेट में आने से कुर्बान अंसारी नामक 35 वर्षीय युवक की मौत हो गई।
- मौत पर मुस्लिम समाज ने उठाया गंभीर सवाल
मुहर्रम की पूर्व संध्या पर हुई इस घटना ने मुस्लिम समाज के लोगों ने ही घटना पर सवाल खड़ा कर दिया है।
NEWSTODAYJ : धनबाद जिले के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के अमरपुर ईदगाह मुहल्ला में शनिवार रात मुहर्रम का झंडा लगाने के दौरान बिजली करंट की चपेट में आने से कुर्बान अंसारी नामक 35 वर्षीय युवक की मौत हो गई। जबकि शाहिद अंसारी, पिता सलीम अंसारी एवं रेहान अंसारी, पिता आजाद अंसारी नामक दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए है ।
घायलों का इलाज ओम साईं अस्पताल गोविंदपुर में चल रहा है। मृतक रमजान अंसारी का पुत्र था। वह पेशे से टेंपो चालक था । अमरपुर पंचायत के वार्ड संख्या 7 का वार्ड सदस्य भी था। बताया जाता है कि मुहर्रम को लेकर अमरपुर में जोरदार तैयारियां की जा रही थी। इसी क्रम में कुर्बान लोहे के पाइप में झंडा लगाकर गाड़ रहा था। इसी दौरान झंडा 11 हजार वोल्ट के तार की चपेट में आ गया। इससे कुर्बान व उसके दो साथी करंट की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गये।
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घटना की खबर सुनकर आसपास के लोग जुट गए और तीनों को ओम साईं अस्पताल, गोविंदपुर ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने कुर्बान अंसारी को मृत घोषित कर दिया। दोनों घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। घटना की खबर पाकर अमरपुर, गायडेहरा समेत आसपास के बड़ी संख्या में लोग ओम साईं अस्पताल जुट गए है ।
हाजी हफीजुद्दीन अंसारी, गुल्लू अंसारी, झामुमो नेता एजाज अहमद, गब्बर अंसारी, मुखिया मोबिन अंसारी, आलम पप्पू, सोहराब अंसारी, माथुर अंसार आदि ने हादसे पर संवेदना जताई है। मृतक के परिवार में पत्नी, दो पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं।
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मौत पर मुस्लिम समाज ने उठाया गंभीर सवाल
मुहर्रम की पूर्व संध्या पर हुई इस घटना ने मुस्लिम समाज के लोगों ने ही घटना पर सवाल खड़ा कर दिया है। समाज के लोगों ने कहा है कि महामारी के कारण जब इस वर्ष मुहर्रम जुलूस पर प्रशासनिक रोक है तथा गोविंदपुर के मुस्लिम समाज में बैठक कर किसी भी तरह का जुलूस या तामझाम नहीं करने का निर्णय लिया था।
तब अमरपुर में झंडा किस नेता के कहने पर लगाया जा रहा था। हर वर्ष सूखे बांस के सहारे झंडा गाड़ा जाता था। तब इस वर्ष हजारों रुपए खर्च कर लोहा पाइप किसने मंगाया। उसके रहने का ठौर-ठिकाना नहीं था। टेंपो चलाकर परिवार की परवरिश करता था। आखिर वह किसके कहने पर नवमी की रात झंडा गाड़ने गया था। हर वर्ष सप्तमी को झंडा गाड़ा जाता था।
इस वर्ष कोरोना के कारण जब मुहर्रम अखाड़ा या जुलूस नहीं निकालने तथा सादगी से पर्व की औपचारिकता पूरी करने का निर्णय लिया गया था, तब अमरपुर में पंडाल तथा जीटी रोड पर बड़े-बड़े झंडे किसके कहने पर लगाए गए थे। इसका खर्च वाहन कौन कर रहा था। ओम साईं अस्पताल में मुस्लिम समाज के कई नेताओं ने कहा कि
जिस व्यक्ति ने रतनपुर में पुलिस को दिखाने के लिए बैठक की तथा गोविंदपुर पुलिस के साथ जिला शांति समिति की बैठक में भाग लिया, उसी के कहने पर कुर्बान झंडा गाड़ने गया था। समाज के लोगों ने सवाल किया है कि कुर्बान को लोहा का पोल एवं झंडा गाड़ने किसने दिया था। किसके कहने पर वह टेंपो चलाकर घर आया लौटने के बाद झंडा गाडने गया