Dhanbad News : जिला परिषद के सदस्यों में से अधिकांश महिला सदस्यों ने बोर्ड की बैठक में जमकर हंगामा की , भुगतान के मुद्दे को उठाएं…
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Dhanbad News : जिला परिषद के सदस्यों में से अधिकांश महिला सदस्यों ने बोर्ड की बैठक में जमकर हंगामा की , भुगतान के मुद्दे को उठाएं…
NEWSTODAYJ : धनबाद जिला परिषद बोर्ड की बैठक में आज कुछ जिप सदस्यों ने मानदेय भुगतान की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।वही चर्चा व बहस के बीच कुल 5 प्रस्ताव पारित हुए ।धनबाद जिला परिषद की कार्यकाल अब मात्र 3 महीने बचे हैं ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना काल मे जिला परिषद की दूसरी बोर्ड की बैठक में आज कुल 5 प्रस्ताव पारित किए गए ।जिसमें धनबाद गोल्फ ग्राउंड स्थित बंदोबस्त कार्यालय आवास को ₹5000 प्रतिमाह भाड़ा के आधार पर sfc को देने पर स्वीकृति दी गई।
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बाघमारा प्रखंड के मछुआरा गांव में खाली जमीन में आय के स्रोत की वृद्धि के लिए विवाह मंडप और दुकान निर्माण की स्वीकृति दी गई।निरसा में हटिया के समीप जिला परिषद के दुकान को मरम्मती के स्वीकृति दी गई ।जिला परिषद के संचिकाओं को सुरक्षित रखने के लिए फाइल ट्रैक सिस्टम और डिजिटल करने पर स्वीकृति पर विचार हुई। साथ ही जिला परिषद बोर्ड द्वारा गठित कमेटी का कड़ाई से अनुपालन पर विचार विमर्श किया गया ।वही पिछले 16 सितंबर 2020 को जिला परिषद के बोर्ड की बैठक में पारित किए गए 16 प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वहीं हाल ही में सरकार द्वारा आवंटित चार करोड़ की राशि को विभिन्न योजनाओं में खर्च करने पर खर्च करने पर सहमति जताई गई इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2020 में जिला परिषद के सदस्यों को विकास कार्य हेतु 15- 15 लाख रुपए आवंटित करने पर पारित किया गया,
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आशुलिपिक रखने पर विचार किया गया।धनबाद के डीडीसी सह जिला परिषद सचिव दशरथ चंद्र मांझी ने बताया कि जिला परिषद के कार्यकाल खत्म होने से पहले 3 महीने के अंदर जो भी एजेंडा पारित हुए हैं उस पर काम कराने की योजना है जिला परिषद सदस्यों के मानदेय भुगतान के प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जाएगा सरकार जो आदेश देगी उसका पालन किया जाएगा।वही धनबाद जिला परिषद के सदस्यों में से अधिकांश महिला सदस्यों ने बोर्ड की बैठक में जमकर हंगामा किया ।ज्यादातर ने मानदेय भुगतान के मुद्दे को उठाएं ।बताया जाता है कि जिला परिषद के गठन के दौरान शुरुआती समय में सभी को एक एक बार मानदेय की भुगतान की गई थी।
उसके बाद से भुगतान नहीं मिली है ।वही पूर्व की पारित विकास योजनाओं को भी जमीन पर नहीं उतरने से जिला परिषद सदस्य चिंतित है उन्हें इस बात की चिंता सता रहा है कि आखिर जनता के बीच चुनाव में किस मुंह को लेकर जाएंगे। जब जनता उनसे पूछेगी कि उनके क्षेत्र का विकास क्यों नहीं हुआ तो क्या जवाब देंगे।जबकि हकीकत में फंड की कमी के अलावा जिला परिषद की उदासीनता विकास में बाधक बनी रही।