Dhanbad news:यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में फंसी धनबाद की दो बेटियां, परिजनों को लौटने का इंतजार
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NEWSTODAYJ_धनबाद(DHANBAD) – यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध से धनबाद अंचल की 4 मेडिकल छात्रा विदेश में फंसी हुई थी. जिसमें दो सकुशल वापस लौट आई है. जबकि दो बेटियां रोमानिया और हंगरी बॉर्डर पर अभी भी फंसी हुई है. सौम्या हेजल टोपनो और मौसम शर्मा दोनों छात्राएं स्वदेश लौटने के लिए जद्दोजहद कर रही है. अभी तक उन्हें फ्लाइट में जगह नहीं मिल पाई है. इधर परिजनों का बुरा हाल है. परिजन हताश और परेशान है, सहारा ढूंढ रहे हैं कि कोई मिल जाए जो उनकी बेटियों को देश लौटा लाये.
कठिन हालात में फंसी है बेटियां
जानकारी के अनुसार धनबाद के बाबूडीह निवासी राकेश शर्मा की बेटी मौसम शर्मा अभी यूक्रेन में हंगरी बॉर्डर के पास कठिन हालात में फंसी हुई है. उसके दल को हंगरी में प्रवेश नहीं दिया गया है. हालांकि उसने ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय फ्लाइट के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. लेकिन फ्लाइट पकड़ने के लिए उसके दल को हंगरी में कब प्रवेश दिया जाएगा, यह पता नहीं है.
सकुशल वापसी के इंतेजार में बेटियां
वहीं धनबाद के ही बरटांड़ स्थित पंडित क्लीनिक रोड के पाल एजे टोपनो की बेटी सौम्या हेजल टोपनो रोमानिया में फंसी हुई है. सौम्या थर्ड ईयर की छात्रा है. बता दें कि 2019 में सौम्या ने यूक्रेन के राजधानी कीव से 300 किलोमीटर दूर विनेटसिया मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का एडमिशन लिया था.
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धनबाद रेलमंडल के रेलकर्मचारी और सौम्या के पिता के पॉल टोपनो के अनुसार और बिटियां बस से रोमानिया बॉर्डर तक पहुंची. वहीं कैंप में मौजूद भारतीय लोगों की मदद कर हौसला बढ़ा रही है. घर आने की कोशिश कर रही है. अभी वह यूक्रेन-रोमानिया के बॉर्डर कैपिटल बुखारेस्ट एयरपोर्ट से दिल्ली निकलने के लिए लंबी लाइन में लगी है. दूसरी ओर धनबाद के बाबूडीह की रहने वाली मेडिकल छात्रा मौसम शर्मा के परिजन भी अपनी बेटी के यूक्रेन-हंगरी बॉर्डर से सकुशल वापसी के इंतेजार में है.
झामुमो नेता देबू महतो ने परिजनों का बढ़ाया ढांढस
धनबाद के सीओ प्रशांत कुमार लायक जहां पीड़ित परिजनों के घर पहुंचकर उनका हौंसला बढ़ाया. वहीं राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहें प्रयासों की जानकारी दी. वहीं मौके पर झामुमो नेता देबू महतो ने परिजनों को ढांढस बढ़ाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड के बच्चों को लेकर फिक्रमंद है. और रसिया यूक्रेन युद्ध में फंसे अपने बेटे बेटियों को लाने के लिए केंद्र सरकार व विदेश मंत्रालय से सम्पर्क में है. सरकार अपने खर्चे पर सभी को सुरक्षित घर पहुंचाने का आश्वासन दिया है. रसिया यूक्रेन युद्ध में फंसे धनबाद की बेटियों की वापसी के लिए परिजनों ने किस तरह सभी से अब तक संवाद स्थापित किया है.