Dhanbad news:भोजपुरी, मगही ,मैथिली और अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा से हटाने का किया गया विरोध
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NEWSTODAYJ_धनबाद बोकारो में भाषा का विवाद पुनः तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा, भोजपुरी, मगही ,मैथिली और अंगिका भाषा को धनबाद और बोकारो परीक्षा में पुनः शामिल कराने की मांग झरिया में देखने को मिली, मगही भोजपुरी मैथिली संस्कृति बचाओ मंच झारखंड प्रदेश के संस्थापक अभिषेक कुमार सिंह उर्फ बंटी के नेतृत्व में यह पैदल रैली निकाली गई ।
आज मगही, भोजपुरी, मैथिली संस्कृति बचाओ मंच के बैनर तले धनबाद तथा बोकारो जिला से मगही, भोजपुरी और अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा से हटाए जाने के विरोध में झरिया कतरासा मोड़ सूर्यदेव सिंह चौक से झरिया बाटा मोड़ तक पैदल जुलूस निकाला गया एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलम गिरी आलम का पुतला दहन बाटा मोड़ किया गया।
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इस कार्यक्रम में दर्जनों की संख्या में महिला अपने हाथों में तख्तियां लिए हुई थी, जिसमें लिखा हुआ था कि झारखंड प्रदेश में मघई भोजपुरी मैथिली भाषा का को मिटने नहीं देंगे, मकई भोजपुरी अंगिका भाषा को धनबाद बोकारो के क्षेत्रीय भाषा का दर्जा देना होगा, जो हमारी भाषा का अपमान करेगा चुनाव में उसका परिणाम मिलेगा, गर्व से कहो हम झारखंडी है साथी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और आलम गिरी आलम का मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए यह पैदल रैली निकाली गई थी,
मगही भोजपुरी मैथिली संस्कृति बचाओ मंच के संस्थापक अभिषेक सिंह उर्फ बंटी ने कहा कि जब तक हमारी मातृभाषा का सम्मान नहीं मिलता तब तक हम लोग चरणबद्ध आंदोलन करते रहेंगे,,,
मगही भोजपुरी मैथिली संस्कृति बचाओ मंच झारखंड प्रदेश मंच के प्रवक्ता जितेंद्र पासवान ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि झारखंड अलग राज होने से पहले यहां पर सभी भाषाएं एक समान था, आज झारखंड अलग होने के बाद मगही भोजपुरी बाहरी भाषा कैसे हुआ,,,,,,,