Chhath Puja 2020 : आज से शुरू हुई छठ महापर्व आज नहाय-खाय , चार दिवसीय त्यौहार…
1 min read
Chhath Puja 2020 : आज से शुरू हुई छठ महापर्व आज नहाय-खाय , चार दिवसीय त्यौहार…
NEWSTODAYJ : रांची।लोक आस्था व सूर्योपासना का छठ महापर्व बुधवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो जाएगा। चार दिनी पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्लपक्ष चतुर्थी तिथि से आरंभ होती है। दूसरे दिन पंचमी तिथि 19 नवंबर को संध्या में खरना अनुष्ठान होगा। सूर्य देव छठी मैया की पूजा होगी। व्रती अगले 36 घंटे के व्रत का संकल्प लेंगे। व्रत निर्विघ्न पूरा होने की कामना की जाएगी। खरना अनुष्ठान में प्रसाद के रूप में खीर व अन्य पकवान का भोग लगाया जाएगा।
यह भी पढ़े…Jharkhand News : ट्रक में लगी अचानक आग , एक बड़ा हादसा टला…
प्रसाद ग्रहण करने के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ होगा। षष्ठी तिथि 20 नवंबर को अस्ताचलगामी (डूबते ) सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं, सप्तमी तिथि 21 नवंबर को उदीयमान (उगते) सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय पर्व संपन्न होगा।श्रद्धालु सूर्योपासना की तैयारी में जुट गए हैं। घरों में प्रसाद के लिए गेहूं, चावल आदि इकट्ठा किए जा रहे हैं। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर छठ पूजा सामग्री मिल रही है। इधर, राजधानी के विभिन्न तालाब, डैमों की साफ-सफाई में लोग जुटे हैं।छठ पूजा में सूर्य के साथ छठी मैया की भी पूजा होती है। छठी मैया सूर्य देव की बहन हैं। छठ महापर्व में भाई-बहन दोनों की समान रूप से पूजा होती है। दोनों की ही कृपा आवश्यक मानी जाती है। पुराणों के अनुसार मां दुर्गा के छठे रूप को षष्ठी मैया या छठी मैया कहा जाता है। सूर्य को जहां निर्मल काया और सुख-आरोग्य का देव माना जाता है, वहीं छठी मैया को सूनी गोद भरने वाली मैया कहा जाता है। छठी मैया की कृपा से अनंतकाल तक वंश चलता है।
यह भी पढ़े…Chhath Puja 2020 : खेसारी लाल यादव के इन नए छठ गीतों ने मचा दी धूम, Video हुए वायरल…
छठ के दौरान इन बातों का रखें ध्यान।नहाय खाय के साथ ही व्रतियों का सात्विक आहार व रहन-सहन आरंभ हो जाता है। चार दिनों तक स्वच्छ कपड़े ही पहनें।नहाय-खाय के बाद व्रती सिले हुए और काले वस्त्र नहीं पहनें। वहीं, पुरुष व्रती नए धोती-गमछा आदि धारण करें। साथ ही खरना के बाद उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक चौकी, पलंग आदि आरामदायक बिस्तर पर नहीं सोएं। जमीन पर ही बिस्तर लगायें। घर में मांस-मछली बिलकुल नहीं बनायें। यहां तक कि प्याज-लहसुन का भी प्रयोग खाने में नहीं करें। व्रती के कमरे को साफ रखें।