CAA कानून धर्म के आधार पर भेदभाव और संविधान के साथ ‘गद्दारी-मौलाना महमूद मदनी
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CAA कानून धर्म के आधार पर भेदभाव और संविधान के साथ ‘गद्दारी-मौलाना महमूद मदनी
NEWS TODAY – CAA को लेकर देश में मुसलमानों के सबसे बड़े सामाजिक संगठनों में शुमार जमीयत-उलमा-ए-हिंद के नेता मौलाना महमूद मदनी ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। मदनी ने केंद्र की मोदी सरकार पर नए नागरिकता कानून में धर्म के आधार पर भेदभाव कर संविधान के साथ ‘गद्दारी’ करने का आरोप लगाया है। संगठन के महासचिव मौलाना मदनी ने सोमवार को सहारनपुर के गंगोह स्थित ईदगाह मैदान में CAA और NRC के विरुद्ध आयोजित विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ने नागरिकता कानून में धर्म के आधार पर भेदभाव करके संविधान के साथ ‘गद्दारी’ की है।
मदनी ने कहा, ‘सरकार गरूर भरी भाषा बोलने के बजाय खुद की समीक्षा करे और ये काला कानून वापस ले। सरकार यह याद रखे कि सत्ता हमेशा नहीं रहती। हो सकता है कि रात बड़ी हो लेकिन सवेरा जरूर होगा। हम यह चाहते हैं कि सरकार संभल जाए।’ मदनी ने बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘आपकी सरकार ने देश की परंपरा और उसके संविधान का विरोध किया है। आपने देशद्रोह जैसा काम किया है। याद रखिए सत्ता का नशा कोई अच्छी बात नहीं है। आप लोगों के धैर्य की परीक्षा न लीजिए। यह न समझें कि लोग थक जाएंगे। याद रखें कि हमारे पूर्वजों ने 100 साल तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी है।’
मौलाना मदनी ने देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों की प्रशंसा की, विशेषकर महिलाओं के जमावड़े की यह कहते हुए तारीफ की कि महिलाएं बड़े हौसले के साथ जमी हैं। मगर ध्यान रखें कि उत्साह होना चाहिए लेकिन होश के साथ काम लेना चाहिए, क्योंकि एक मुसलमान सब कुछ हो सकता है, लेकिन जालिम नहीं हो सकता।