
Anant Pooja 2020 : श्रद्धा और भक्ति के साथ हुई भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप 14 गांठ वाले सूत्र की पूजा , सोशल डिस्टेंस का किया पालन…
- अहले सुबह से ही पंडित जी द्वारा घर-घर जाकर अनंत पूजा की गई। इस दौरान लोगों ने पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-अर्चना कर कथा श्रवण किया।
- भगवान विष्णु के स्वरूप धागा से बने 14 गांठ वाले अनंत सूत्र के पूजा के बाद उसे दाहिने हाथ के बाजू पर बांधे जाने का नियम पौराणिक काल से है।
NEWSTODAYJ : धनबाद भगवान श्री हरि विष्णु के अनंत स्वरूप 14 गांठ वाले अनंत सूत्र की पूजा-अर्चना मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ की गई। कोरोना प्रोटोकॉल के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर इस वर्ष बहुत ही कम जगहों पर सामूहिक पूजा हुई। अहले सुबह से ही पंडित जी द्वारा घर-घर जाकर अनंत पूजा की गई।
इस दौरान लोगों ने पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-अर्चना कर कथा श्रवण किया। इसके बाद अपने दाएं हाथ के बाजू पर सिद्ध किया गया अनंत बांधा। इस दौरान खीरा और पंचामृत का प्रसाद विशेष रूप से ग्रहण किया गया।पंडित आशुतोष पांडये एवं देवेन्द्र पंडित ने बताया कि भगवान विष्णु के स्वरूप धागा से बने 14 गांठ वाले अनंत सूत्र के पूजा के बाद उसे दाहिने हाथ के बाजू पर बांधे जाने का नियम पौराणिक काल से है।
धागा से बने 14 गांठ वाले अनंत भगवान विष्णु ने 14 लोक भू, भुव:, स्वह, जन, तप, सत्य, यह, तल, अतल, बीतल, सुतल, तलाताल, रसातल, पाताल की रचना के प्रतीक हैं। इन 14 लोकों के पालन और रक्षा के लिए भगवान श्री हरि विष्णु स्वयं 14 रूपों में प्रकट हुए थे और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए अनंत फल देने वाले अनंत चतुर्दशी का व्रत मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि 14 वर्षों तक लगाता अखंड स्वरूप में अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से साक्षात विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। सभी मनोकामना पूरा होता है और मान-सम्मान, धन-धान्य, सुख-संपदा, संतान आदि सभी मनोरथ पूरा होता है।