Agri Kisan Andolan : किसान आंदोलन ने फिर पकड़ा जोर , दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे प्रदर्शनकारी, 2 फरवरी तक ऐतिहासिक भीड़ का दावा…
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Agri Kisan Andolan : किसान आंदोलन ने फिर पकड़ा जोर , दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे प्रदर्शनकारी, 2 फरवरी तक ऐतिहासिक भीड़ का दावा…
NEWSTODAYJ : नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ता नजर आ रहा था। अब एक बार फिर से किसान आंदोलन गर्मजोशी में नजर आने वाला है। खबरों के अनुसार, शनिवार को कई क्षेत्रों के किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए अपने घर से निकल गए है। कई किसान नेताओं ने शनिवार को दावा किया कि कई जगहों से किसानों के जत्थे दिल्ली जा रहे हैं।
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उनका कहना है कि 2 फरवरी को राजधानी की सीमाओं पर किसान संगठनों एवं कृषि मजदूरों का रिकॉर्ड जमावड़ा होगा। इसके साथ कई जगहों पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे है। वहीं, प्रशसान हाई अलर्ट पर है। दिल्ली की सिंघू, गाजीपुर और टीकरी सीमाओं पर तथा इनसे लगे इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि दिल्ली की सीमाओं पर 2 फरवरी को भारी तादाद में किसान पहुंच ने की उम्मीद है। शनिवार को पंजाब के संगरूर और मोहाली में किसानों और कृषि मजदूरों ने किसान आंदोलन के समर्थन में भूखहड़ताल रखी।
पंजाब के 14 जिलों में 400 स्थानों पर प्रदर्शनकारी किसानों ने नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए और उन्हें वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र के पुतले फूंके।भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि किसानों के साथ कई क्षेत्रों से लोग आंदोलन में शामिल होने रहे है और सभी दिल्ली की ओर जा रहे है। उन्होंने कहा, करीब 700-800 ट्रैक्टरों का हमारा जत्था रविवार को टीकरी बार्डर प्रदर्शन स्थल के लिए रवाना हेागा। प्रदर्शन स्थलों पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
संभव है कि 2 फरवरी तक प्रदर्शन स्थलों पर फिर से रिकॉर्ड संख्या में लोग एकत्र हो जाएं।वहीं किसान नेताओं ने शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को सदभावना दिवस के रूप में मनाया गया। उन्होंने दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर गाजीपुर सहित दिल्ली की सीमा पर स्थित विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन का उपवास रखा। यह स्थान आंदोलन का अब एक नया मुख्य केंद्र बन गया है, जहां अधिक संख्या में प्रदर्शनकारी उमड़ रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने लोगों को स्थान खाली करने को कहा था, जिसके बाद भीड़ कुछ कम नजर आ रही थी।