साल में सौ दिन रोजगार की गारंटी देगी झारखण्ड सरकार नहीं तो देगी बेरोजगारी भत्ता
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साल में सौ दिन रोजगार की गारंटी देगी झारखण्ड सरकार नहीं तो देगी बेरोजगारी भत्ता
NEWSTODAYJ–कोरोना को लेकर राज्य में आए प्रवासी मजदूरों के लिए उत्पन्न हो रहे बेरोजगारी को देखते हुए सरकार ने कवायद शुरू कर दी हैl इसी के तहत अब झारखंड के शहरों में रहने वालों श्रमिकों को भी साल में सौ दिन रोजगार की गारंटी मिलेगी। सरकार के रोजगार नहीं उपलब्ध करा सकने पर बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। कोरोना काल में रोजी पर मार से निपटने के लिए शहरी मजदूरों के लिए राज्य सरकार जल्द ही मुख्यमंत्री श्रमिक योजना लांच करने जा रही है। नगर विकास विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है।
बताते चले कि मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत शहरी श्रमिकों को काम उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी नगर निकायों को दी जाएगी। इसके लिए शहरी विकास की योजनाओं में ही अकुशल श्रमिकों को रोजगार देने के लिए प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार नगर निकायों को क्रिटिकल गैप फंड के रूप में अतिरिक्त राशि भी देगी। बजट में इसके लिए अलग से प्रावधान भी किया जाएगा। राज्य शहरी आजीविका मिशन के तहत भी इसके लिए प्लान अलग से तैयार किया जाएगा।
ग्रामीण मजदूरों के लिए मनरेगा की तर्ज पर मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत 18 साल से अधिक उम्र के व्यस्क काम मांग सकेंगे। आवेदन के 15 दिनों के भीतर अकुशल श्रमिकों को काम उपलब्ध कराना होगा। सरकारी एजेंसियों या नगर निकायों के काम नहीं दे पाने पर 15 दिनों के बाद बेरोजगारी भत्ता देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पहले महीने में न्यूनतम मजदूरी की एक चौथाई राशि आवेदक को दी जाएगी। दूसरे महीने में न्यूनतम मजदूरी की आधी राशि का भुगतान होगा। इसके बाद महीने भर की पूरी न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी।
इसके तहत यदि महिला कामगार कार्यस्थल पर कार्य कर रही हैं तो वहां उनके बच्चों को रखने की भी व्यवस्था रहेगी। ताकि बच्चों का लालन-पालन उनके कामकाजी बनने में बाधा नहीं पैदा करें। मुख्यमंत्री श्रमिक (शहरी रोजगार मंजूरी फॉर कामगार) योजना के तहत अकुशल श्रमिकों को उनके वार्ड या शहर में ही काम करना होगा।