श्रावणी मेला लगेगा या नहीं इसपर सुनवाई पूरी पर फैसला आएगा 3 जुलाई को
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श्रावणी मेला लगेगा या नहीं इसपर सुनवाई पूरी पर फैसला आएगा 3 जुलाई को
NEWSTODAYJ – कोरोनावायरस के समय में सावन में देवघर मेला और कांवर यात्रा के आयोजन को लेकर दायर याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के खतरे को देख इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। जबकि याचिकाकर्ता सांसद निशिकांत दुबे की ओर से पुरी रथयात्रा का हवाला देते हुए कहा गया कि कुछ जरूरी नियमों के साथ कांवर यात्रा शुरू की जानी चाहिए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला 3 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
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बताते चल की चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और डॉ सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मंगलवार को सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार की तरफ से जवाब दाखिल करते हुए दलील दी कि सावन मेले और कांवर यात्रा में हर दिन एक लाख से ज्यादा लोग देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचते हैं। वर्तमान स्थिति में इस तरह का आयोजन करना उचित नहीं होगा। राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है। लेकिन देवघर मंदिर खोलने व कांवर यात्रा शुरू करने पर लाखों की भीड़ जमा होगी। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सरकार ने पूरे राज्य में लॉकडाउन की अवधि 31 जुलाई तक बढ़ा दी है। राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने और मेले और सामाजिक आयोजन करने पर रोक जारी है। ऐसे में कांवर यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती। प्रार्थी निशिकांत दुबे की ओर से दलील दी गई कि पहले भी देश में प्लेग और कालरा जैसी महामारी फैली थी। लेकिन उस समय भी श्रावणी मेले का आयोजन किया गया था। श्रावणी मेले का आयोजन आज तक कभी नहीं रोका गया है।