विकास कार्य के नाम पर जनता के पैसे का किया जा रहा बंदरबाट। पढे पूरी खबर………
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बोकारो।
विकास कार्य के नाम पर जनता के पैसे का किया जा रहा बंदरबाट। पढे पूरी खबर………
(रिपोर्ट-बबलु कुमार)
कसमार। कसमार प्रखंड में दुर्गापुर पंचायत अंतर्गत तिलेतरीया गाँव में 700 मीटर पीसीसी पथ निर्माण में अनियमितता जिले में भ्रष्टाचार पांव पसारने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखा इस पीसीसी पथ के निर्माण कार्य में सारे नियमों को ताक में रखने का विभाग के अधिकारी व ठेकेदार ने भरसक प्रयास किया किंतु 20 सूत्री प्रखंड अध्यक्ष जदुनंदन जैसवाल एवं कसमार प्रखंड प्रमुख बिजय किशोर गौतम के अथक प्रयास व ग्रामीणों के विरोध के बाद निर्माण कार्य को अनियमितता से रोकने हेतु कार्य बंद करवाया गया और नियम पूर्वक कार्य की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर कार्य करने को कह कर काम को बंद करवाया गया.
ग्रामीणों द्वारा 20 सूत्री प्रखंड अध्यक्ष व प्रखंड प्रमुख के संज्ञान में बेकार निर्माण कार्य का शिकायत किया वहीं 20 सूत्री प्रखंड अध्यक्ष और प्रमुख ने त्वरित कार्य स्थल का दौरा कर कार्य में लगने वाले सीमेंट बालू व कार्य का स्टीमेट का जांच किया तो वहां बालू और सीमेंट ही नहीं कार्य करने की शैली भी गलत पाई गई।
आपको ज्ञात हो कि कार्य कर रहे मिस्त्री ने मापी में भी अनियमितता करते हुए जनप्रतिनिधियों और पत्रकार की आंखों में धूल झोंकने का भरसक प्रयास किया किंतु 20 सूत्री अध्यक्ष ने कड़ा रुख अपनाया और कार्य में ढलाई का माप करवाया तो मात्र 2 इंच ढलाई पाया और मिस्त्री जबरन यह कहा कि कोई ठेकेदार ईमानदारी से कार्य नहीं करेगा इस बयान से ठेकेदार का मंशा स्पष्ट होता है, कि ठेकेदार विकास कार्य के नाम पर लूटने में अपनी अहम भूमिका निभाने का कार्य कर रहा है। ढलाई के वक्त कार्यस्थल में ना ही विभाग के कनीय अभियंता उपस्थित थे और ना ही कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे। आपको ज्ञात हो कि न्यूज़ टुडे झारखंड ब्यूरो हेड बबलू कुमार के द्वारा पूछा गया कि किस विभाग का काम है।
मुन्शी और कार्य कर रहे लोगो द्वारा बताने में आना कानि की गई तो ग्रामीणों द्वारा पता चला की आर ई ओ विभाग का काम है। और आर ई ओ के सभी अधिकारी कुंभकरनी की नींद में सो रहे हैं। 20 सूत्री अध्यक्ष जदुनंदन जैसवाल ने विभाग के अधिकारियों को मोबाइल फोन पर संपर्क करने का भरसक प्रयास किया फिर भी अधिकारी का नींद फोन की घंटी पर नहीं खुली और ना ही अधिकारी ने इस कार्य की संज्ञान लेने की जहमत उठाई अब आप सोचे कि 700 मीटर पीसीसी सड़क निर्माण का कार्य का बजट 44 लाख है। और उस कार्य को करने की किस शैली से समझ जाएंगे कि इस कार्य को करने में लगभग 20 लाख खर्च होगा बाकी पैसों का विभाग और ठेकेदार द्वारा बंदरबांट किया जाएगा फिर आप स्लोगन समझे सबका साथ सबका विकास कहां है
अगर इस गति से पैसों का बंदरबांट होता रहा तो विकास धरातल पर दिखेगा या ठेकेदार के पॉकेट में यह जनता खुद समझ ले।