वायरस किसके सहयोग से फ़ैल सकता है ?फोन,या घर पर लाने वाले सामान से
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वायरस किसके सहयोग से फ़ैल सकता है ?फोन,या घर पर लाने वाले सामान से
NEWS TODAY – अभी जो पुरे देश का माहौल है वो हर तरफ फैले वायरस को लेकर हैl हर किसी के मुंह में बस एक ही शब्द निकल रहे हैं वो है कोरोनावायरसl हालांकि ज्यादातर लोगों के इस बारे में जानकारी है की ये कहाँ से आई है? कैसे फैलती है? किस-किस चीजों से फैलती है? वगैरह-वगैरहl आज के इस वायरस महामारी के आइये आपको जानकारी दे की कैसे हम अपने आप को और अपने चीजों को इस वायरस से बचाव करेl
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इस बारे में आपको बता दें कि इन्टरनेट पर भी इन सब चीजों से जुड़े कई सारे सवालात को खंगाला जा रहा हैl जिसमें पहले मोबाइल को संक्रमण से मुक्त यानी डिसइन्फैक्ट कैसे करें? अपने मोबाइल को साफ कैसे करें? तीसरे नंबर पर यह सवाल था कि क्या आपको घर पर आने वाली किसी चिट्ठी या सामान से भी कोरोना वायरस संक्रमण हो सकता है?
वहीँ आपको जानकार हैरानी होगी की इन सवालों में पहले नंबर पर यह था कि क्या कोरोना वायरस भोजन के जरिये भी फैल सकता हैl उसके बाद सबसे ज्यादा लोगों ने यह पूछा था कि क्या एक बार ठीक होने पर किसी को कोरोना वायरस फिर चपेट में ले सकता है?
आपके फोन,चिट्ठी पर यह वायरस कितनी देर जिन्दा रहता है
हालंकि इस बार में शोधकर्ताओं के अलग-अलग राय हैं इस मुद्दे पर न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ने हाल में एक शोध पत्र जरूर प्रकाशित किया है जिसे इस दिशा में पहला गंभीर अकादमिक काम कह सकते हैंl इसके मुताबिक सार्स-सीओवी-2 कॉपर (तांबा) और कार्डबोर्ड (गत्ता) की तुलना में प्लास्टिक और स्टेलनेस स्टील पर ज्यादा देर तक रहता हैl शोधकर्ताओं का यह भी कहना था कि इन चीजों पर वायरस 72 घंटे तक जिंदा रह सकता हैl शोधपत्र में यह भी कहा गया है कि कॉपर पर सार्स-सीओवी-2 चार घंटे तक ही टिक पायाl जबकि कार्डबोर्ड के लिए यह आंकड़ा 24 घंटे थाl इसके आकड़ें और समयावधि भी अलग-अलग हो सकते हैंl
ऐसा इसलिए कि इन अध्ययनों में यह देखा जाता है कि वायरस प्रयोगशालाओं में रखे एक विशेष घोल, जिसे बफर कहा जाता है, में कितनी देर तक जिंदा रहते हैंl असल जिंदगी में वायरस थूक या बलगम में रहते हैं और इसलिए किसी सतह पर उनके जिंदा रहने का समय बढ़ जाता हैl या भी बताया जा रह है कि वायरस सबसे ज्यादा देर तक प्लास्टिक वाली सतह पर रहते हैंl
फोन पर वायरस आने की संभावना कैसे बनती है
फोन पर बात करते समय आपके मुंह से (droplets) थूक की लगभग अदृश्य सूक्ष्म बूंदें भी बाहर आती हैंl अगर कोई इस वायरस से संक्रमित है तो यह उसके मुंह के DROPLETS के जरिये भारी मात्रा एन फोन पर फ़ैल सकती हैl
वहीँ अगर कोई दूसरा व्यक्ति उस फोन को छूता है तो जाहिर है की वो वायरस उस दूसरे शख्स की उंगलियों से होते हुए उसके मुंह, नाक और आंखों के जरिये उसके शरीर के भीतर जा सकता हैl अतः अपने हाथों को बार-बार धोने चाहिए और साथ ही खांसते या छींकते समय दुरी बनाएl इस अवधि में मास्क का भी हमेशा इस्तेमाल करना चाहिएl