लोकसभा चुनाव 2019 अधिकतम 70लाख तक खर्च कर सकेंगे अभ्यर्थी
1 min read
रांची।
लोकसभा चुनाव 2019: अधिकतम 70लाख तक खर्च कर सकेंगे अभ्यर्थी
रांची। भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण संचालन तथा प्रत्येक अभ्यर्थी के एक समान अवसर के लिए निर्वाचन व्यय की मॉनिटरिंग के लिए भी आवश्यक प्रबंध किये है।
चुनाव नियमावली 1961 एवं जनप्रतिनिधित्व कानून एक्ट 77 (3) के तहत राज्य में लोकसभा निर्वाचन में प्रत्येक अभ्यर्थी की व्यय की अधिकतम सीमा 70लाख रुपये निर्धारित की गयी है। इससे अधिक व्यय जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 (6) के तहत दंडनीय होगा। आयोग की ओर से यह भी साफ किया गया है कि सार्वजनिक बैठक, रैलियों, पोस्टरों, बैनरों, वाहनों, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर व्यय ही वैध होगा और शराब वितरण, पेड न्यूज या मतदाताओं को धन या अन्य लाभ पर किया गया व्यय अवैध होगा। यदि अभ्यर्थी लेखा संधारण विहित रीति से नहीं करता है, तो वह आईपीसी की धारा 171 (1) के तहत दंडनीय है। यह आगामी निर्वाचन के लिए आयोग्य घोषित हो सकता है।
यदि कोई अभ्यर्थी किसी व्यक्ति को उसके मताधिकार प्रयोग के लिए धन या कोई अन्य प्रलोभन देता है, तो यह आईपीसी की धारा 171 (एफ) के तहत एक वर्ष का कारावास तथा जुर्माना से दंडित किया जा सकता है। जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत प्रत्येक अभ्यर्थी को नामांकन की तिथि से परिणाम घोषित होने तक स्वंय या अपने अभिकर्त्ता द्वारा पृथक एवं सही लेखा रखना अनिवार्य है। जन प्रतिनिधित्व की धारा 77 (2) के तहत व्यय लेखा में सभी वांछित सूचनाएं शामिल करना आवश्यक है।
प्रत्येक अभ्यर्थी को परिणाम घोषित होने के 30 दिन के भीतर जिला निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष व्यय लेखा को समर्पित करना अनिवार्य है।
आईपीसी की धारा 171 (एच) के तहत यदि कोई व्यय लिखित प्राधिकार के बिना किसी अभ्यर्थी के चुनाव पर व्यय करवाता है, तो यह भी दंडनीय होगा। राज्य स्तर पर व्यय अनुश्रवण के लिए नोडल पदाधिकारी अपर निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. मनीष रंजन को अधिकृत किया गया है।
पुलिस विभाग से आईजी शंभू ठाकुर, उत्पाद विभाग से उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव और आयकर विभाग के संयुक्त मनीष कुमार झा की नियुक्ति की गयी है। निर्वाचन व्यय की मॉनिटरिंग के लिए निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के आलोक में प्रत्येक जिलों में एसडीएम-एडीएम से अन्यून स्तर के नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति की गयी है।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक सहायक व्यय प्रेक्षक की नियुक्ति की गयी है,जिनकी सहायता के लिए वीडियो सर्विलांस टीम, एकाउंट टीम, उड़नदस्ता समेत अन्य टीम का गठन किया गया है।