योगी सरकार ने लखनऊ हिंसा के उपद्रवियों के पोस्टर शहर के चौराहों पर लगाए
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योगी सरकार ने लखनऊ हिंसा के उपद्रवियों के पोस्टर शहर के चौराहों पर लगाए
NEWS TODAY-योगी सरकार ने लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद कड़ी कार्रवाई किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उपद्रवियों के पोस्टर लखनऊ के चौराहों पर लगाए जा रहे हैं. इन पर प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. इनमें से कई आरोपियों को संपत्ति के नुकसान की वसूली का नोटिस दिया जा चुका है.
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नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लखनऊ में 19 दिसम्बर को हिंसा की घटना हुई थी. ठाकुरगंज और कैसरबाग क्षेत्र में हुई हिंसा के आरोपियों के खिलाफ एडीएम सिटी पश्चिम की कोर्ट से वसूली का आदेश जारी हो चुका है. इस मामले में लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हिंसा फैलाने वाले सभी के लखनऊ में पोस्टर व बैनर लगाए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि इन आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी. प्रशासन का उद्देश्य इनके चेहरे को बेनकाब करना है.
डीएम ने यह भी बताया था कि मजिस्ट्रेट की जांच में 57 लोग दोषी पाए गए. सभी दोषियों के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान एक करोड़ 55 लाख रुपए के नुकसान की वसूली होनी है. उन्होंने कहा सभी लोगों की पहचान कर ली गई है किसी को छोड़ा नहीं जाएगा. जानकारी के अनुसार ठाकुरगंज से 10 और कैसरबाग से 6 आरोपियों को दोषी मानते हुए कुल 69 लाख 48 हजार 900 रुपए हर्जाना तय किया गया है. इनमें शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अबास और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उपाध्यक्ष कल्बे सादिक के बेटे सिब्तैन नूरी का नाम भी शामिल है.
16 लोगों से सरकारी और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की वसूली की जाएगी. आरोपियों को 30 दिन में यह धनराशि जमा करनी होगी. यह धनराशि इन सभी से या इनकी सम्पत्ति से संयुक्त रूप से वसूली जा सकती है. आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति पूरे अर्थदंड के लिए व्यक्तिगत रूप से व समस्त समूह सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं. मंगलवार को एडीएम सिटी पश्चिम और एडीएम टीजी विश्वभूषण मिश्रा की कोर्ट से यह निर्णय सुनाया गया है.
अगर आठ अप्रैल तक धनराशि जमा नहीं होती है तो आरोपियों की सम्पत्ति कुर्क कर के वसूली की जाएगी. आदेश के अनुसार ठाकुरगंज में 14 और कैसरबाग में 15 आरोपी बनाए गए थे. ठाकुरगंज में चार और कैसरबाग में 9 आरोपियों पर सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध नहीं हुआ.