यूपी में महागठबंधन में शामिल होने की तैयारी में कांग्रेस
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नई दिल्ली।
यूपी में महागठबंधन में शामिल होने की तैयारी में कांग्रेस
नई दिल्ली। 40 सीआरपीएफ जवानों के बलिदान का बदला लेने के लिए वायुसेना ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक की। इस एयरस्ट्राइक में कई आंतकियों के मारे जाने की खबर है। लेकिन इस एयरस्ट्राइक का असर देश में मोदी सरकार विरोधियों की रणनीति पर भी दिखाई दे रहा है। इसके कारण ही उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस को अलग-थलग कर गठबंधन का ऐलान करने वाले सपा-बसपा ने नए सिरे से राजनीतिक समीकरण बनाने में जुट गए है। सपा-बसपा ने गठबंधन में पहले आरएलडी को शामिल किया इसके बाद कांग्रेस को हिस्सेदार बनाने की कवायद की जा रही है। माना जा रहा है कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को 15 सीटें मिल सकती हैं। यूपी में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले बीजेपी के विजयरथ को रोकने के लिए सपा-बसपा गठबंधन कांग्रेस को भी साथ लाने में जुटे हैं।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक 13 प्लस 2 सीटों पर कांग्रेस के साथ समझौता होने के कगार पर है। इस तरह कांग्रेस के खाते में कुल 15 सीटें आ सकती हैं। कांग्रेस के लिए सपा अपने कोटे से 7 और बसपा अपने कोटे से 6 सीटें देंगी। जबकि, बाकी दो सीटों पर पहले ही सपा-बसपा ने कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने का ऐलान कर रखा था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद ही बताया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की अब संभावना नहीं लगती है, लेकिन यूपी में हमारी बातचीत जारी है और सही दिशा में है।इसका मतलब साफ है कि सूबे में नए सिरे से गठबंधन बन रहा है।
एयर स्ट्राइक के बाद यूपी में 3 दलों की राजनीतिक परिस्थितियां बदल गई हैं, जिसके चलते नए सिरे से गठबंधन का फैसला किया गया है। इसी मद्देनजर कांग्रेस की महासचिव और पूर्वांचल की प्रभारी प्रियंका गांधी ने सूबे का दौरा टाल हुआ है। बता दें कि उत्तरप्रदेश में बीजेपी को मात देने के लिए सपा-बसपा ने गठबंधन का ऐलान किया था. सूबे की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38 बसपा और 37 सीटों पर सपा ने चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जबकि तीन सीटें आरएलडी को देने का ऐलान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के साथ ज्वाइंट प्रेस कॉफ्रेंस करके ऐलान किया है।
इस दिशा में तीनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत जारी है। जहां कांग्रेस ने 20 सीटों की डिमांड रखी हैं, लेकिन गठबंधन ने उन्हें पहले 9 सीटें देने का ऑफर रखा था, जिस पार्टी ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद कांग्रेस ने 15 प्लस 2 सीटों की डिमांड रखी। दो सीटें रायबरेली और अमेठी हैं। इस गणित के हिसाब से कांग्रेस 17 सीटें मांग रही हैं।