मज़ार सरीफ में रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन
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धनबाद।
मज़ार सरीफ में रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन………
“टीम समाधान की ओर से की गई इफ्तार दावत का इंतजाम”
धनबाद:: समाधान शिक्षा दान की नई पाठशाला शुक्रवार पूरी समाधान टीम धनबाद रेलवे स्टेशन के समीप सबीली मस्जिद इफ्तार के समय रोजेदार के लिए खाने पीने की सामग्री जैसे पपीता खजूर जलेबी आम तरबूज केले समोसे तथा लस्सी इत्यादि का इंतजाम किया।
ताकि इस मस्जिद में आने वाले लगभग 150 से 200 रोज़ेदार लोग और जरूरतमंद लोगों के लिए इफ्तार दावत का इंतजाम किया जिसमें सेंट जेवियर स्कूल और निर्मलानंद कंस्ट्रक्शन की ओर से भी सहयोग मिला।
इतना ही नहीं सारे वॉलेंटियर्स ने मिलकर दावत परोसा इस दावत का मकसद सिर्फ रोजेदारों को खिलाना ही नहीं बल्कि समाज को भाईचारे का संदेश भी देना है।
आम लोगों से भी अपील है कि अपनी ओर से जितना भी हो सके रोजेदार को जरुर से जरुर सहयोग करें ताकि वह रमजान के पाक महीने में अपना रोजा खोल सके ।
रमज़ान, मुस्लिम समाज के लिए एक विशेष और पवित्र महीना है।
इस महीने में क़ुरान उतरना शुरू हुआ था । रमज़ान संयम और इबादत का महीना बताया गया है। इस महीने में प्रत्येक मुस्लिम ‘रोज़ा’ यानी उपवास रखता है ।
रमज़ान आध्यात्मिक सक्रियता का एक महीना है, जिसका प्रथम उद्देश्य व्यक्ति की आध्यात्मिकता को जगाना है। रोज़े का मुख्य उद्देश्य भौतिक चीज़ों पर मनुष्य की निर्भरता को कम करना और अपने आध्यात्मिक संकल्प को मजबूत करना है,
ताकि वह पवित्रता के उच्च दायरे में प्रवेश कर सके।
अपनी प्रकृति से रोज़ा, धैर्य का एक अधिनियम है। धैर्य और सहनशीलता मनुष्य को ऐसी स्थिति में ले जाती है, जो उसे भगवान के निकटता की भावना का अनुभव करने में सक्षम बनाती है।
रोज़ा व्यक्ति के दिल की आध्यात्मिक क्षमता को बढ़ाता है। इस्लाम के अनुसार, मनुष्य को इस दुनिया में परीक्षा के लिए भेजा गया है। ख़ुदा ने हर एक इंसान को स्वतंत्रता दी है ताकि वह अपनी स्वतंत्र इच्छा के साथ ख़ुदा के आदेशों का पालन करने में इस स्वतंत्रता का उपयोग कर सकें।
इसी कारण से रमज़ान के महीने को हज़रत मुहम्मद साहब ने धैर्य का महीना बताया है।
इस्लाम में कामयाब जीवन जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात धैर्य बताई गई है। जैसे परीक्षा में एक जटिल सवाल का उत्तर ढूंढने के लिए धैर्य चाहिए उसी प्रकार से जीवन के जटिल सवालों के उत्तर के लिए भी व्यक्ति को धैर्य चाहिए । हज़रत मुहम्मद साहब ने कहा था ‘रमजान का महीना सहानुभूति का महीना है।
मौके पर समाधान के 15 स्वयंसेवक चंदन अविनाश राजा बिट्टू तापस विक्की अभिषेक कुशाल रविंद्र आपदा जूही सोनी स्नेहा आदि मौजूद थे।
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