भूख से मरा माडा कर्मी
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न्यूज टुडे
भूख और ठंड ने ली माडा कर्मी की जान, पिछले तीन वर्षों से नहीं मिल रहा था वेतन।
पुटकी।माडा कर्मियों का जीवन भगवान भरोसे चल रहा है। पिछले तीन सालों से इनका वेतन बकाया है। नतीजा ये है कि इनके घर ना तो परिजनों को पालने के पैसे हैं और ना ही खाने के।माडा कर्मी गणेश हाड़ी की मौत।
मृतक गणेश हाड़ी फाइल फोटो!
भूख से होने की मौत बताया जा रहा है। हालांकि प्रशासन इसे शराब पीने से हुई मौत बता रहा है।बतादे की पुटकी में सेनेटरी ऑफिस के पास रहने वाले माडा के सफाईकर्मी गणेश हाड़ी की मौत हो गयी है। ग्रामीणों का कहना है कि हाड़ी की मौत भूख से हुई है। लोगों ने कहा कि गणेश ने पिछले तीन दिनों से खाना नहीं खाया था उसके साथ-साथ उसके घर के सभी सदस्य भी भूखे थे।
रोते बिलखते मृतक के परिजन ।
पिछले कई दिनों से बीमार था ठंड के कारण गणेश की तबियत भी पिछले एक हफ्ते से ख़राब चल रही थी। लेकिन पैसों की कमी की वजह से ना तो वह दवाइयों का इंतजाम कर पा रहा था और ना ही खाने पीने का। गरीबी, भूख और बीमारी ने गणेश की जान ले ली।
मिन्नतों के बाद एमडी ने दाह संस्कार के लिए दिए दस हजार
मामले की सूचना मिलते ही माडा यूनियन नेता बिनोद मिश्रा ने माडा एमडी शशिधर मंडल को सारी बात बतायी। माडा एमडी का कहना है कि सफाईकर्मी की मौत भूख से नहीं बल्कि शराब पीने से हुई है। यूनियन नेता ने जवाब में जब एमडी से कहा कि जिनका तीन साल से वेतन बकाया है वह क्या शराब पी सकता है। काफी बहस के बाद एमडी ने तत्काल दाह संस्कार के लिए दस हजार रुपए भिजवाने की बात कही।
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