बेतला नेशनल पार्क में हुई बघनी की मौत मामले में पीटीआर डायरेक्टर वाई के दास ने दी सफाई
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बघनी के मौत के बाद सभी नियम प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद ही शव को जलाया गया
NEWS TODAY- झारखंड राज्य के लातेहार जिला अंतर्गत बरवाडीह प्रखंड में स्थित बेतला नेशनल पार्क में बीते 15 फरवरी के रात में बाघीन की मौत के मामले में पूर्व मंत्री सह जमशेदपुर विधायक सरयू राय के आरोपों को बताया निराधार इस मामले में पीटीआर के डायरेक्टर वाई के दास ने बताया कि बेतला नेशनल पार्क के रोड नंबर 2 में हुई बाईसन और बाघिन के मुठभेड़ में बाघिन की मौत हो गई थी जिसके बाद पूरे नियम के दायरे में रहकर बाघिन के शव का पोस्टमार्टम करा कर शव को जला दिया गया इस मामले में कहीं भी किसी भी प्रकार से आनन-फानन एवं नियम विरुद्ध नहीं की गई है पत्रकारों के सवाल के जवाब में वाई के दास ने बताया कि पूर्व मंत्री सह जमशेदपुर से वर्तमान बिधायक सरयू राय ने सबूत मिटाने व एंटी सीए के प्रोटोकॉल के खिलाफ जाने का आरोप लगा रहे हैं वे बेबुनियाद है सबूत को वीडियोग्राफी कराकर सुरक्षित रखा गया है सभी उच्च स्तरीय विभागो को इसकी सबूत व सारी सूचनाएं दे दी गई है गई है
नेचर कंजर्वेशन सोसायटी के संचालक डॉ डी एस श्रीवास्तव ने किया 18 सौ करोड़ का घोटाला
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग झारखंड सरकार ने विगत 30 दिसंबर 2019 को पत्र निर्गत कर एनटीसीए के प्रतिनिधि डॉ डी एस श्रीवास्तव को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है आगे पत्र में लिखा गया है कि निर्देशानुसार उपरोक्त विषय प्रसांगिक पत्र के संदर्भ में कहना है कि इस मामले में जांच हेतु गठित समिति ने आई डब्ल्यू एमपी फाइनल रिपोर्ट जुलाई 2017 में सकल बजट को घटा कर2050 करोड़ों रुपए से 225 करोड़ रुपए करने के लिए श्री डी एस श्रीवास्तव को पूरी तरह जिम्मेदार माना है एवं शक्ल बजट घटाने का कोई कारण नहीं देना और इसके बारे में किसी पदाधिकारियों को अस्पष्ट सूचना नहीं देना गंभीर मामला है इस पूरे प्रकरण मामले में श्रीवास्तव की भूमिका बढ़ जाती है उसमें शक्ल बजट दो हजार पचास करोड़ रुपिया था जो बजट घटाने का सारा जबाब देही डॉ डी एस श्रीवास्तव पर ही लगता है एवं इनके द्वारा ही झारखंड सरकार को करीब 18 सौ करोड़ रुपए की घाटा लगी है इस संबंध में पीटीआर डायरेक्टर वाई के दास ने कहा कि झारखंड सरकार के चिट्ठी निर्गत होने के आलोक में हमने डॉ डीके श्रीवास्तव को बाघिन की मौत के पूरे प्रकरण में बुलाना उचित नहीं समझा झारखंड सरकार ने उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया है ऐसे में सरकार के निर्देशों का पालन करना ही हमारी पहली प्राथमिकता है ऐसे में मैं इस प्रकरण में किसी भी स्थिति में नियम विरुद्ध कोई भी काम नहीं किया है