बिहार-नितीश ने की जातीय जनगणना की मांग-कहा बिहार में नहीं लागू होगा NRC
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बिहार-नितीश ने की जातीय जनगणना की मांग-कहा बिहार में नहीं लागू होगा NRC
NEWS TODAY पटना :: बता दें कि सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर जदयू में दो फाड़ जैसी स्थिति है। प्रशांत किशोर जहां सीएए और एनआरसी की मुखालफत कर रहे हैं वहीं पार्टी के दूसरे नेता सीएए के पक्ष में हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि बिहार में किसी भी हाल में एनआरसी लागू नहीं होगा। सोमवार को बिहार विधानमंडल के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि एनआरसी का तो सवाल ही पैदा नहीं उठता। जब केंद्र में राजीव गांधी की सरकार थी तब असम के संदर्भ में एनआरसी की बात हुई थी। देश के संदर्भ में एनआरसी की बात तो कभी हुई ही नहीं।देश में एनआरसी लागू करने का कोई औचित्य ही नहीं है। हमें तो इस बात का कोई अहसास नहीं है कि अनावश्यक एनआरसी देश में कहीं आ सकता है। एनआरसी के विषय पर प्रधानमंत्री मोदी भी साफ-साफ अपनी बात रख चुके हैं। ऐसे में एनआरसी पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं है।
नीतीश ने कहा कि इन दिनों जनगणना पर बहस छिड़ी हुई है। 2010 में जो एनपीआर हुआ था उस पर राज्य सरकार ने तो पहले ही सहमति दे दी है। लेकिन, अब यह बात सामने आ रही है कि एनपीआर में अन्य चीजों के बारे में भी पूछा जा रहा है। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एक बार जातीय आधारित जनगणना होनी चाहिए। धर्म के आधार पर तो जनगणना हो जाती है लेकिन जातियों के बारे में तथ्य सामने नहीं आ पाते। हम केंद्र सरकार को अपनी राय देंगे। जातीय आधारित जनगणना में किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।