बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बान्धकर भाइयों की उज्वल भविष्य की कामना की
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बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बान्धकर भाइयों की उज्वल भविष्य की कामना की……
बिरनी: शनिवार को सरस्वती शिशु मंदिर व विद्या मंदिर में रक्षाबंधन उत्सव मनाया गया।
बहनों ने भाइयों की तिलक व आरती कर उनकी कलाई पर रक्षासूत्र बान्धकर उनके उज्वल भविष्य की कामना की….
भैया- बहनों को रक्षाबंधन के बारे में बताते हुए प्रधानाचार्य विनय संगम ने बताया की सावन की पूर्णिमा में मनाया जाने वाला यह पर्व रक्षाबन्धन भाई-बहनों के प्यार और स्नेह का त्यौहार है….
भाई बहन आपस में छोटी छोटी बातों पर खूब लड़ते हैं परन्तु कुछ देर बाद सब भूला कर फिर एक दूसरे का सहयोग करते हैं….
उन्होंने कहा शिशु मंदिर का संस्कार है की लोग आपस में एक दूसरे को भैया बहन ही पुकारते हैं.आचार्य केदार कुमार ने कहा कुछ ऐसे भी भैया हैं जिनकी बहने नहीं हैं ,,,
रक्षाबंधन के दिन इनकी कलाई ख़ाली न रहे और जिन बहनों का भाई नहीं है उन्हें भाई की कमी महसूस न हो इस उदेशय से भी यह रक्षाबंधन उत्सव मनाया गया है….
आचार्य विकास कुमार ने बताया की रक्षाबंधन उत्सव की परम्परा काफी पुरानी है रावण की बहन सुपर्णखा ने भी अपने भाई की रक्षा के लिए उन्हें रक्षासूत्र बंधा था…
विधालय के कक्षा 6 में पढ़ने वाली मिनी कुमारी ने बताया की कल तो अपने भाई को राखी बांधना ही है लेकिन आज रक्षाबंधन से एक दिन पहले अपने विद्यालय में पढ़ने वाले भाई को राखी बांध कर अच्छा महसूस कर रही हूँ।
वहीं निकी ने बताया की रक्षाबन्धन के दिन तो हम सिर्फ अपने एक भाई को ही राखी बांधते है…
परन्तु आज हमने 4 भाइयों को राखी बांधा अच्छा लगा। इससे भी अच्छी बात यह थी की उसमे से एक भैया ऐसे थे जिनकी अपनी कोई भी बहन नही थी….
इस अवसर पर आचार्य शंकर कुमार, अंकित पाण्डे, बसंती देवी, रानी मोदी, काजल कुमारी, अंजलि कुमारी सहित सभी आचार्य और भैया- बहन उपस्थित रहे ।
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