PROBLEM-बरवाडीह-मंडल रोड जर्जर…हर बार केवल बन कर रह जाता है चुनावी मुद्दा….
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PROBLEM -बरवाडीह-मंडल रोड जर्जर…हर बार केवल बन कर रह जाता है चुनावी मुद्दा….
- रोड बरवाडीह-मंडल होते हुए भंडरिया भाया छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज से जोड़ता है जो व्यावसायिक एवं सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।
- पिछले 30 वर्षों से यह रोड जर्जर स्थिति में है।
NEWSTODAYJ (रवि कुमार गुप्ता) बरवाडीह:-बंद पड़ी,बहुप्रतीक्षित मंडल डेम परियोजना की लाइफ लाइन कही जाने वाली बरवाडीह-मंडल रोड अपनी अंतिम साँसे गिन रही है।इस सड़क के दोनों ओर लगभग आधे दर्जन से प्रखंड मुख्यालय का सुदूरवर्ती गाँव लगे है।इन सभी सुदूरवर्ती गांवो के लोगो का प्रखंड मुख्यालय पहुँचने का एक मात्र सड़क है,जो आने पूरी तरह से खस्ता हाल एवं जर्जर हो चुका है। बरसात के मौसम में स्थिति बद से बत्तर हो जाती है।इस क्षेत्र में रहने वाले लोगो का दैनिक जीवन एवं व्यवसायिक कार्य साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं एवं जरूरतों को पूरा करने के लिए इस सड़क से आते जाते है पर आज यह स्थिति है कि अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो समय पर एम्बुलेन्स नही पहुँच सकता।
बताते चले कि यह रोड बरवाडीह-मंडल होते हुए भंडरिया भाया छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज से जोड़ता है जो व्यावसायिक एवं सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।लोगो की माने तो बरवाडीह से रामानुजगंज इस क्षेत्र से मात्र पैसठ किलोमीटर रह जाती है।जो झारखंड एवं छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगो के सांस्कृतिक एवं रोजगार के नये दरवाजे खोल सकती है।
लेकिन यह विडंबना ही है कि हर बार बरवाडीह-मंडल रोड चुनावी मुद्दा तो बनता है पर उसके बाद नेताओं को न अपना चुनावी वायदा या रहता है न लोगो की समस्याओं पर नज़र। चुनाव जीतने के बाद दिल्ली व राँची में आसान लगाकर अगले पांच साल के लिए बैठा जाते है।
मालूम हो कि इस सड़क का निर्माण 1967 में, यानी आज लगभग 51 साल पहले नरेगेशन डिपार्टमेंट माध्यम से हुआ था, इसके बाद यह रोड पीडब्लूडी के अधीन चला गया।लेकिन पिछले 30 वर्षों से यह रोड जर्जर स्थिति में है। जिस कारण हर समय दुर्घटनाओं की संभावनाएं बनी रहती है।वही प्रखण्डवासियों ने चुने हुये जनप्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से अपील की है कि बरवाडीह-मंडल रोड हरहाल बनना चाहिये,क्योकि जनता सभी जनप्रतिनिधियों की क्रियाकलापों को बड़ी गहनता के साथ देख रही है।इसके साथ ही बताता चालू की इस मार्ग पर झारखंड की बंद पड़ी बहुप्रतीक्षित मंडल डेम परियोजना भी स्थित है।इस क्षेत्र लोग इन दोनों परियोजनाओं के लेकर अभी आशान्वित है जरूरत हैं एक मजबूत राजनीतिक इक्षाशक्ति है,ना कि ढुलमुल रवैये की।