पूर्व सांसद ने सरकारी बंगले को ऐसा उजाड़ा कि अब पहचानना मुश्किल।
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पटना।
पूर्व सांसद ने सरकारी बंगले को ऐसा उजाड़ा कि अब पहचानना मुश्किल।
पटना। देश में सांसदों और मंत्रियों को रहने के लिए सरकार की ओर से सरकारी बंगला दिया जाता है। जब वे मंत्री या सांसद नहीं रहते तो वह बंगला उनसे वापस ले लिया जाता है। पर कुछ ऐसे भी मंत्री सांसद होते हैं जो बंगला तो खाली कर देते हैं लेकिन वे खाली करने से पूर्व उसका ऐसा हाल कर देते हैं कि बंगला और खंडहर में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे ही एक ताजा मामला सामने आया है। बताते चलें कि पूर्व सांसद पप्पू यादव ने दिल्ली स्थित अपने बंगले को खाली तो कर दिया है, लेकिन खाली करते वक्त उन्होंने इसे ऐसा उजाड़ा कि अब पहचानना मुश्किल हो रहा है। बताते चलें कि बंगले के कमरों से खिड़की-दरवाजे उखाड़ लिए गये हैं और दीवारों से टाइल्स निकाल ली गई है। बंगले में फर्नीचर बिखरा पड़ा है और बरामदे खंडहर में तब्दील हो गए हैं। दरअसल, पप्पू यादव को बतौर सांसद लुटियंस दिल्ली स्थित बलवंत राय मेहता लेन में 11ए नंबर बंगला अलॉट किया गया था। परंतु अब पप्पू यादव सांसद नहीं है, उनके द्वारा इस बंगले को खाली करते वक्त इसका बुरा हाल बना दिया गया। वहीं आपको बतादें कि पप्पू यादव द्वारा बंगले में तबाही के मंजर की वजह इसे खाली करने से पहले इसमें किए गये अतिरिक्त निर्माण कार्य को हटाना बताया गया है। बताते चलें कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पूर्व सांसदों से बलपूर्वक सरकारी बंगला खाली कराना शुरू कर दिया है। इस संबंध में जैसे ही पप्पू यादव को इसकी खबर मिली, उन्होंने पहले ही बंगला खाली कर दिया। इसके बाद उन्होंने बंगले में उस अस्थायी निर्माण को ढहा दिया, जिसे उन्होंने अपने समर्थकों और सैकड़ों लोगों के रुकने-ठहरने के इंतजाम के नाम पर बनाया था। आवास पर मौजूद पप्पू यादव के निजी सचिव अजय कुमार ने दावा किया कि बंगले में लगभग 400 लोगों के रुकने का इंतजाम था। उन्होंने बताया, ‘हमारे सांसद जी ने उन मरीजों के लिये आवास में रुकने और ठहरने का इंतजाम किया था, जो मधेपुरा समेत बिहार के अन्य इलाकों से इलाज कराने के लिए दिल्ली आते थे। कुमार ने निर्माण कार्य को ढहाने और खिड़की-दरवाजे उखाड़ कर ले जाने का तोहमत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के सिर पर डाल दिया। हालांकि सीपीडब्ल्यूडी ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए साफ किया कि पूर्व सांसद ने अभी बंगले का कब्जा हस्तांतरित (ट्रांसफर) नहीं किया है।