पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एक साथ
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लेख
पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एक साथ
(लेखक- ‘प्राची‘)
अभी हाल में ही देश पाक में पनाह पा रहे आतंकवादी संगठन जैश ए. मोहम्मद द्वारा कश्मीर में पुलवामा क्षेत्र में की गई आंतकवादी कार्यवाही से शहीद हुये भारतीय सीआपीएफ के 40 जवानों की शहादत से पूरा देश आक्रोशित हो उठा एवं एक स्वर में आतंकवादियों को जड़ से समाप्त कर दिये जाने की मांग करने लगा। इस दिशा में भारत सरकार ने कड़े कदम उठाते हुये देश की सेना को सशक्त कार्यवाही करने की खुली छूट भी दे दी जिसका सभी देशवासियों ने भरपूर स्वागत किया। इसी आतंकवादी संगठन ने फिर से देश में आतंक फैलाने एवं सेना के जवानों पर हमले करने की नापाक योजना को अंजाम देने ही वाला था कि भारत की हवाई सेना ने पाक कब्जे वाले कश्मीर के बालाकोट क्षेत्र में स्थित आतंकवादी ठिकाने पर हवाई हमले कर आतंकवादियों के विशाल प्रशिक्षण कैम्प एवं ठिकानों को तहस – नहस कर दिया । कई माताओं की गोद सुनी हुई है। युद्ध की स्थिति बनती रही है एवं देश के विकास में भूमिका निभने वाले अनेक नौजवान इसके शिकार होकर सही मार्ग से भटककर अपने ही वतन के खिलाफ जंग लड़ने लगे है। इस तरह के हालात पर नियंत्रण हो पाना तभी संभव है जब आतंकवाद को जड़ से समाप्त कर दिया जाय। आज आतंकवाद की जड़ें देश के भीतर एवं बाहर तक फैल चुकी है जिसके पसरने में हमारे ही लोग आर्थिक एवं राजनीतिक लाभ उठाने हेतु आजतक करते आये है जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ पाना एवं इसे समूल नष्ट कर पाना आसान नहीं रहा है।
आतंकवाद सभी के लिये घातक साबित हुआ है। आतंकवादी ठिकानों पर किये इस हमले के दौरान 350 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने के भी सुराग हाथ लगे है। इस घटना ने एकबार तो भारत के खिलाफ पनप रहे आतंकवादियों एवं उसके समर्थकों के मंसूबे पर पानी तो फेर ही दिया एवं आतंकवाद के खिलाफ भारत की इस जंग को और मजबूत बना दिया । इस कर्यवाही का आज देशभर में जगह – जगह स्वागत हो रहा है। इस मसले पर पूरा देश एक साथ खड़ा नजर आ रहा है। आज देश के सभी राजनीतिक दल इस मसलें पर सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे है। सभी के स्वर एक जैसे लग रहे है साथ ही आतंकवाद एवं आतंकवादी समर्थक पाक के खिलाफ हर सक्त कदम उठाये जाने के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करते नजर भी आ रहे है। आज इस मामले पर कोई राजनीति करता नजर नहीं आ रहा है और यहीं हमारी ताकत भी है। जिसके बल आतंकवाद के खिलाफ जंग सही मायने में लड़ी जा सकती।
आज आतंकवाद एक नासूर वन चुका है। जिसका जड़ से सफाया होना बहुत जरूरी है। आतंकवाद ने आजतक बहुत कुछ हमारा बर्बाद किया है। संसद पर हमला बोल हमारी अस्मिता को चुनौती दिया है। इसके नापाक इरादें में आजतक कई बेगुनाहों के लहू बहे है।
आतंकवाद की जड़े इतनी गहरी हो चुकी है जिसे केवल एक एयर स्ट्राइक हमले से समाप्त नहीं किया जा सकता। देश के भीतर फैली निजी सेनाएं, पनपता नक्सलवाद भी आतंकवाद का ही रूप है। जिसे राजनीतिक व आर्थिक लाभ के लिये देश के भीतर राजनेताओं ने पाल रखा है। जिसने इसे पनपाया, उसे भी नहीं छोड़ा। इतिहास इस बात का गवाह है। देश के कई बड़ी हस्तियां एवं राजनेता इसके शिकार हुये है। अमेरिका जैसा सामरिक देश भी इसके चंगुल से बच नहीं पाया। इस तरह के संगठन के पास अवैध हथियारों का जमवाड़ा है जिसका प्रयोग सेना के खिलाफ करते रहे है।
नक्सवादी क्षेत्र की घटित घटनाएं आतंकवाद से जुडी घटनाएं है जिसका भी समूल नष्ट होना देशहित में जरूरी है। आतंकवादी हमले से अमेरिका किस तरह बौखला गया एवं तत्काल कार्यवाही को अंजाम दे डाला, सभी भलीभाति इस घटना से परिचित है। आज हमारा देश भी पुलवामा की आतंकवादी घटना के बाद आतंकवाद के खिलाफ आक्रमक तेवर का रूप ले लिया है। जिससे आतंकवादियों के दिल में दहशत पैदा हो गई है। आतंकवाद के खिलाफ आज पूरा देश एक साथ खड़ा नजर आ रहा है। यहीं ताकत आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने में मददगार साबित हो सकती है। हमारी सेना हर तरह से इस मामले पर तैयार है एवं देश के सभी राजनीतिक दल सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे है। आतंकवाद का निदान कभी युद्ध नहीं हो सकता पर आतंकवादी समर्थित देश कभी भी युद्ध को चुनौती दे सकता है। इस तरह की स्थिति न बने इसके लिये जरूरी है कि आतंकवाद के खिलाफ छिड़ी जंग उतेजक रूप न ले। इस दिशा में जो भी बयानबाजी हो आतंकवाद के खिलाफ ही हो , जैसा की फिलहाल परिवेश नजर आ रहा है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत के एयर स्ट्राइक हमले से पाक भी अंदर से बौखला गया है। पर इस हमले को लेकर फिलहाल भारत की एकता एवं विश्व स्तर पर भारत को मिल रहे समर्थन से वह आक्रमक तेवर अपनाने के वजाय बातचीत करने की वकालत करता नजर आ रहा है। पर पाक इस हमले के बाद चुप भी नहीं बैठा है। सीमा पर गोलाबारी की हो रही घटनाएं इस बात का संकेत दे रही है कि अतंत: पाक युद्ध की स्थिति न बना दे।