
नए नियम के साथ आज से खुल जाएंगे धार्मिक स्थल, मॉल, होटल-पर ये होगी शर्त
NEWSTODAYJ – कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद सोमवार से देश में शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल, होटल और रेस्तरां फिर से खुलने जा रहे हैं. इसके लिए नए नियमों के तहत प्रवेश के लिए टोकन प्रणाली जैसी व्यवस्थाएं क गई हैं. वहीं मंदिरों में ‘प्रसाद’ आदि का वितरण नहीं किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इसे लेकर बीते गुरुवार को गाइडलाइन जारी की थी. इस गाइडलाइन में यह साफ तौर कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में स्थित धार्मिक संस्थान बंद रहेंगे. धार्मिक संस्थानों को लेकर जारी गाइडलाइन की मुख्य बातें इस प्रकार से हैं…
- कंटेनमेंट जोन के भीतर स्थित धार्मिक स्थल फिलहाल बंद रहेंगे, जबकि इसके बाहर स्थित धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत होगी. इन परिसरों में शारीरिक दूरी और अन्य एहतियाती उपायों का पालन करना जरूरी है.धार्मिक स्थलों पर रिकॉर्डेड भक्ति संगीत बजाया जा सकता है, लेकिन संक्रमण के खतरे से बचने के लिए समूह में गाने की अनुमति नहीं होगी.श्रद्धालुओं को धर्मस्थल पर सार्वजनिक आसन इस्तेमाल करने के स्थान पर अपना आसन या चटाई लानी होगी और उसे अपने साथ ही वापस ले जाना होगा.
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- धर्मस्थलों पर प्रसाद जैसी भेंट नहीं चढ़ाई जाएंगी और न ही पवित्र जल का छिड़काव या वितरण किया जाएगा. सामुदायिक रसोई, लंगर और अन्न दान इत्यादि की तैयारी और भोजन के वितरण में शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करना होगा. सभी धर्मस्थल प्रवेश द्वार पर अनिवार्य रूप से हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित किया जाएगा. सिर्फ बिना लक्षणों वाले मास्क लगाए श्रद्धालुओं को ही प्रवेश की इजाजत होगी.
- श्रद्धालुओं को साबुन से हाथ-पैर धोकर परिसर में जाना होगा. धर्मस्थल पर प्रतिमाओं और धार्मिक पुस्तकों को छूने की अनुमति नहीं होगी.कोविड-19 के एहतियाती उपायों के बारे में ऑडियो-वीडियो के जरिये जागरूकता भी फैलाई जाएगी.संभव हो तो श्रद्धालु अपने जूते-चप्पलों को अपने वाहन में ही उतारेंगे. लेकिन जरूरत पड़ने पर व्यक्ति या परिवार के जूते-चप्पलों को श्रद्धालु द्वारा स्वयं अलग स्लॉट में रखा जाएगा. धर्मस्थल के भीतर या बाहर स्थित दुकानों, स्टॉलों और कैफेटेरिया में शारीरिक दूरी मानकों का पालन करना जरूरी है.
दिल्ली की जामा मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर पूरी तैयारियां हो चुकी हैं. जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी कहा, “हमें मस्जिदों में एहतियात बरतनी होगी, ताकि संक्रमण से बचें और आनेवाले नमाजियों को भी बचाएं. हमने लोगों से अपील की है कि मस्जिद में आने से पहले अपने घर से ही हाथ-मुंह धोकर आएं, मस्जिद की किसी भी चीज को न छुएं. नमाज पढ़ने के लिए अपने घर से चटाई भी साथ लेकर आएं. हमने छोटे बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो को भी मस्जिद में आने से मना कर दिया है.